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परग्रहियों और मानव जाति के बीच हुए कथित ३ युद्धों की कहानी

परग्रहियों और मानव जाति के बीच हुए कथित ३ युद्धों की कहानी

यदि आपने अपने जीवन में भले ही कुछ चुनिंदा फिल्में ही देखी हैं तो संभवतः आपने कम से कम एक एलियन आक्रमण फिल्म अवश्य देखी होगी। चाहे वे कुछ बेहतरीन फ़िल्में हो जैसे कि “एलियंस” (Aliens), “वॉर ऑफ द वर्ल्डस” (War of the Worlds), या “मेन इन ब्लैक” (Men In Black), उनकी कहानी आम तौर पर ऐसी होती है: हम पृथ्वी गृह पर रहने वाले मनुष्यों को परग्रही जीवों द्वारा किए गए हमले का सामना करना पड़ता है… और किसी तरह, हम अंत में वह जंग जीत लेते हैं!

उन सभी फिल्मों के बारे में मज़ेदार बात यह है कि हम कैसे उच्च तकनीक वाले विदेशी आक्रमणकारियों को हरा देते हैं। किसी तरह, परग्रही (alien) जहाज़, आतिशबाजी के एक शानदार प्रदर्शन की तरह छोटे-छोटे टुकड़ों में बिखर जाता है या परग्रही माँ एक बाहरी अंतरिक्ष की ठंडी गहराई में वायुबंध कक्ष में चली जाती है। वाह वाह !

क्या सचमुच आपको लगता है कि विदेशी अंतरिक्ष यान का एक बेड़ा अपने ग्रह से आक्रमण के लिए यहाँ बिना किसी तैयारी के या निहत्थे चला आएगा? हमारे साधारण विमानविरोधी बंदूकें या हथियार कैसे उनके अंतरिक्ष बेड़े के खिलाफ टिक पाएँगे? क्या हमारी प्रतिरक्षा किसी अन्य तारा मंडल के शस्त्रागार से मुकाबला कर पाएँगी? खैर, यह हॉलीवुड की फिल्म है!

आप क्या सोचते हैं कि परग्रह वासियों के साथ वास्तविक जीवन में होने वाला निर्णायक युद्ध कैसा होगा? कुछ ख़बरों के अनुसार, बहुत दूर तक सोचने की कोई आवश्यकता नहीं है—वास्तव में, कुछ लोग दावा करते हैं कि परग्रह वासी ने ना केवल संपर्क किया है बल्कि वे मनुष्यों के साथ हर तरह का मुकाबला करने में लगे हैं।

अज्ञात उड़न खटोलों (UFO) को हमारे प्राचीन लड़ाकू विमानों के चारों ओर उड़ते हुए गोलियों से अप्रभावित बताया गया है। किसी भी मामले में, हम उनकी उन्नत प्रौद्योगिकी से कोई मेल नहीं खाते हैं। चाहे ये ख़बरें झूठी या वास्तविक हों, मनुष्यों और परग्रही जीवों के आपस में युद्ध करने के कई वृत्तांत सुनने को मिलते रहते हैं।

आपको अभी भी संदेह है? खैर, यहाँ कुछ मनुष्य बनाम परग्रही वासी के सबसे प्रसिद्ध वृतांतों के उदाहरण हैं:

1. लॉस एंजेलेस (Los Angeles) का युद्ध!

शायद यह लौकिक और अलौकिक वासियों के बीच सबसे प्रसिद्ध “अंतर आकाशगंगा” युद्ध है जिसे अब “लॉस एंजेलेस की लड़ाई” के नाम से जाना जाता है और इसे “ग्रेट एल.ए. एयर रेड” (Great L.A. Air Raid) भी कहा जाता है।


द्वितीय विश्व युद्ध में पर्ल हार्बर (Pearl Harbor) पर हुए हमले के तुरंत बाद, फरवरी 23, 1942 को लॉस एंजेलेस में विमान-विरोधी (एए) तोपची उच्च चेतावनी पर थे जब एक जापानी पनडुब्बी ने कैलिफोर्निया (California) के तट पर तेल रिफाइनरियों पर हमला किया था।

अगली दो रातों के लिए, लोगों ने आकाश में कुछ वस्तुओं को देखे जाने की सूचना दी थी। हालाँकि शायद कोई भी निश्चित रूप से यह नहीं जानता था कि उन्होंने क्या देखा था, कुछ लोगों ने लॉस एंजेलेस रक्षा संयंत्र पर आकाश में चमकती रोशनी देखी थी जबकि अन्य प्रत्यक्षदर्शियों ने एक बड़ी गोल चमकदार वस्तु को देखने की सूचना दी थी। आकाश में समचतुर्भुज आकार का यान भी देखा गया था।

ए.ए. बंदूकधारियों ने क्लोवर सिटी (Clover City) और सैंटा मोनिका (Santa Monica) पर आसमान में मंडराने वाली चमकदार वस्तु पर कम से कम 1500 राउंड गोलियां चलाई लेकिन स्पष्ट रूप से वह गोलियाँ किसी से नहीं टकराई। वह वस्तु तब दक्षिण की ओर लॉन्ग बीच (Long Beach) की तरफ चली गई।संभवतः परग्रही गतिविधि का सबसे विश्वसनीय प्रमाण प्रसिद्ध एल.ए. टाइम्स की तस्वीर है जिसमें खोज-बत्ती को आकाश में एक तश्तरी के आकार जैसी वस्तु का अभिसरण करते हुए दर्शाया गया था जिसे एए बंदूकधारियों द्वारा गोली मार दी गई थी लेकिन फिर भी उसे कोई क्षति नहीं पहुँची थी।

2. मैन्टेल (Mantell) की घटना!

पृथ्वीवासियों और अज्ञात उड़न खटोलों के बीच एक और लोकप्रिय मुठभेड़ अक्सर—उद्धृत मैन्टेल की घटना है। 1948 में, एक अनुभवी लड़ाकू पायलट, कैप्टन थॉमस मैन्टेल (Thomas Mantell) को पी-51 लड़ाकू विमानों के 2 अन्य पायलटों के साथ केंटकी (Kentucky) में फोर्ट नॉक्स (Fort Knox) के ऊपर मंडराने वाले एक विशाल लाल और सफेद उड़न तश्तरी के अवरोधन के लिए तैनात किया गया था।

जैसे ही लड़ाकू विमान निकट आए तो अज्ञात उड़न खटोले विमान से बचने के लिए आगे की ओर बढ़ गए। आखिरकार, दो पायलटों को कम ईंधन के कारण वापस जाना पड़ा था लेकिन मैन्टेल ने उनका पीछा करना जारी रखा। भूमि संचालक भी इस अजीब मुठभेड़ को ध्यान से देख रहे थे।

मैन्टेल उस वस्तु की खोज में तेज़ी से ऊपर की ओर चढ़ गए थे। एक बिंदु पर, अज्ञात उड़न खटोला हवा में स्थिर खड़ा था, जिससे मैन्टेल उसके निकट आने में सफल हो गए थे। मैन्टेल ने भूमि रेडियो संचालकों को उस वस्तु का वर्णन करते हुए कहा कि वह वस्तु लगभग 200 फीट चौड़ी, 70-75 फीट मोटी और धातु से बनी है। उन्होंने कहा कि वह वस्तु दूर जा रही थी और वह उसे देखने के लिए उसके पास जा रहे थे।

अज्ञात उड़न खटोला हवा के बीचों-बीच जाकर रुक गया था और जैसे ही मैन्टेल उसके पास आए तो उन्होंने कथित तौर पर कहा, “हे भगवान! इसमें कुछ आदमी हैं!” 33,000 फीट की ऊँचाई पर उनके विमान में विस्फोट होने से पहले उसमें बहुत भारी गड़गड़ाहट हो रही थी। उनके विमान को तब केंटकी के एक खेत में नियंत्रण खोकर हवा में चक्कर लगाते हुए, दुर्घटनाग्रस्त और जलते हुए देखा गया था। हजारों वर्ग फुट के क्षेत्र में मलबा फैला हुआ था।


अंत में, वायु सेना ने इस घटना को खारिज कर दिया था, जिन्होंने सबसे पहले गलती से शुक्र ग्रह को देखे जाने की बात कही थी लेकिन बाद में उन्होंने अपनी कहानी को यह कहकर बदल दिया कि वह वस्तु वास्तव में मौसम का एक गुब्बारा थी। उन्होंने बताया कि मैन्टेल ऑक्सीजन की कमी के कारण बेहोश होने के बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गए थे। फिर भी, प्रत्यक्षदर्शियों ने इन आधिकारिक स्पष्टीकरणों पर विवाद उठाया है।

3. डुल्चे (Dulce), न्यू मैक्सिको (New Mexico) में परग्रही भूमिगत अड्डा!

मनुष्य और परग्रही वासियों के बीच इस तीसरे और सबसे विलक्षण युद्ध के वृत्तांत में अमेरिकी सरकार के लिए काम कर रहे फिलिप शनाइडर (Philip Schneider) नामक एक भूवैज्ञानिक इंजीनियर शामिल थे। उन्होंने अमेरिका के कुछ हिस्सों में कई विशाल भूमिगत ठिकानों का निर्माण करने में सहायता की थी।

न्यू मैक्सिको में डुल्चे के पास स्थित एक आधार के निर्माण पर काम करते समय, शनाइडर इस तथ्य से शंकित हो गए थे कि ग्रीन बैरेट्स (Green Berets) (यूएस स्पेशल बलों) उनकी इंजीनियरिंग टीम के साथ तैनात थे।

उस क्षेत्र में जहाँ उन्होंने एक भूमिगत सुविधा बनाने की योजना बनाई थी, में खुदाई करते हुए शनाइडर ने दावा किया कि बदबूदार, धूमल काली हवा उस छिद्र से बाहर निकल रही थी, जहाँ वे खुदाई कर रहे थे, जबकि उनके उपकरण अज्ञात कारणों से बार-बार टूट रहे थे।

जाँच के लिए उन्हें एक टोकरी से उस छिद्र में उतारा गया था। अंदर, उन्होंने “सात फुट ऊँचे परग्रही जीव” को देखे जाने का वर्णन किया।

उन्होंने आगे कहा, “वह बदबू आपकी कल्पना से परे सबसे खराब कचरे से भी बदतर थी। यह वस्तु बहुत भयानक थी।”

शनाइडर ने तब दावा किया कि उन्होंने अपनी पीपीके (PPK) पिस्तौल बाहर निकाली और 2 परग्रही जीवों को मार गिराया। एक तीसरे परग्रही जीव ने कथित तौर पर अपनी छाती के सामने हाथ से इशारा किया और एक नीली रोशनी उनसे आकर टकराई जिसने उन्हें “मछली की तरह” खोलकर रख दिया और उनकी उंगलियों को जला दिया। एक ग्रीन बेरेट ने स्वयं को मारे जाने से पहले शनाइडर को पकड़कर उन्हें सुरंग से ऊपर भेजकर उनकी जान बचाई।

शनाइडर के अनुसार, 66 गुप्तचर विभाग एजेंट, ग्रीन बेरेट्स (Green Berets) और ब्लैक बेरेट्स (Black Berets) इस युद्ध में मारे गए थे। उन्होंने दावा किया कि दुनिया भर में मनुष्यों और परग्रही जीवों के बीच अभी भी हज़ारों भूमिगत युद्ध लड़े जा रहे हैं।

हालाँकि सेना द्वारा तुरंत इन घटनाओं के लिए स्पष्टीकरण प्रदान किया गया, कई कथित प्रत्यक्षदर्शी इन परग्रही जीवों के साथ हुई मुठभेड़ों का “पर्दाफाश” करने के लिए सामने आए हैं।

ऐसे सभी दावों को “अफवाह” के रूप में खारिज करना कठिन है क्योंकि अक्सर कई प्रत्यक्षदर्शियों के वृत्तांत हैं जो एक-दूसरे के साथ इस बात की पुष्टि करते हैं जबकि वही वृतांत इससे मेल खाते हैं जिनकी रडार पर खबर दी जाती है। मौखिक वृत्तांत रडार के निष्कर्ष उत्पन्न नहीं कर सकते हैं जबकि रडार के निष्कर्ष दृश्यों को उत्पन्न नहीं कर सकते हैं।

यह निश्चित रूप से व्यक्ति की जिज्ञासा बढ़ाता है! ब्रह्मांड के बारे में हम जो जानते हैं वह बहुत ही कम है जबकि रहस्य बहुत विशाल हैं।

तो, आप मनुष्य और परग्रही जीवों के बीच होने वाली इन कथित “युद्धों” के बारे में क्या सोचते हैं? क्या आपको लगता है कि यह कहानियाँ मात्र अफवाहें हैं? या क्या वास्तव में परग्रही जीवों के साथ एक गुप्त युद्ध चल रहा है— कुछ ऐसा है जो सरकार हमें बता नहीं रही है?

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