Ajab Gajab

बनारस के बंदरों ने विवेकानंद को आखिर क्यों दौड़ाया था ?

बनारस के बंदरों ने विवेकानंद को आखिर क्यों दौड़ाया था ?

स्वामी जी अपने रिलीजियस रॉकस्टार. बोलें तो पब्लिक का माथा खुल जाए. और फैन तो सब उनके इत्ते कि कुछ पूछो मत. और फैन हैं तो लॉजिक कभी कभी लड़खड़ा भी सकता है. तभी की ये बात है.
एक फॉरेनर आई. बोली, स्वामी जी. मैं आपसे शादी करना चाहती हूं. स्वामी बोले, मैं तो संन्यासी हूं. नहीं कर सकता. पर तुम्हारी वजह क्या है देवि. महिला बोली, मुझे आपके जैसा बेटा चाहिए. और उसके लिए शादी करना मस्ट है.
इत्ती सी बात. स्वामी मुस्कुराए. और बोले, लीजिए. आज से आप मेरी मम्मी. मैं आपका नोनू मोनू सोनू. अब तो हो गई मुराद पूरी. महिला ने श्रद्धा से माथा झुका लिया.

एक भाई साब आए. बोले बाकी सब वेदांत वगैरह तो ठीक है. पर एक बात समझ न आई. स्वामी ने कहा. पूछा जाए. साब बोले. ये मां को संसार में बार बार महापूज्य क्यों बताया जाता है. स्वामी बोले. जवाब मिलेगा. बराबर मिलेगा. बस एक काम कर दो.पूछा गया क्या. स्वामी ने कहा. एक सेर भर का पत्थर ले आओ. आया पत्थर. बोले, इसे कपड़े में लपेट दो. और फिर पेट से बांध लो. उतारना मत. और कल आना.
भाईसाब की शाम तक दइया बोल गई. अगले दिन का वेट कौन करे. आए भगे भगे. बोले, महाराज जवाब तो दे नहीं रहे ये गुम्मा और लाद दिया. तब स्वामी बोले. मां हमें ऐसे ही 9 महीने कैरी करती है. अब समझ आया कि क्यों वो सबसे बढ़कर है.

स्वामी गए बनारस. देवी दर्शन किए एक मंदिर में. लौटे तो परसाद. पर उसे खाना चाहते थे बंदर.
अब सोचो जरा. बंदर, वह भी बनारसी. तो कित्ता बम संकर होगा. लगे चीथने झुरिया. स्वामी जी ने लगादी गदबद. अब आगे आगे स्वामी. पीछे पीछे बजरंग बली के चेलों की फौज. तब एक बूढ़े बाबा ने स्वामी को गली किनारे रोका. बोले. जित्ता भागोगे, उत्ते ही भगाए जाओगे. पलटकर घूर काहे नहीं लेते. उल्टा उन्हें ही काहे नहीं तदेर लेते.
स्वामी को समझ आ गया. और फिर.
बंदर आगे और स्वामी पीछे. स्वामी ने बाद में अपनी एक स्पीच में इस कांड का जिक्र किया. और बोले. भय को भगाने के लिए उससे भागो नहीं. उसके पीछे पड़ जाओ. घुस जाओ. आंख मिलाओ. सब धुंध छंट जाएगी.

विवेकानंद तो बाद में बने. पहले थे नरेंद्र. बाल नरेंद्र. किस्सा बांधने में छांकड़. सुनने वाला सुधबुध भूल जाए. तो एक दिन क्लास में हुआ कुछ ऐसा. कि एक मास्टर गया. घंटी बजी. दूसरे के आने में था टाइम. इत्ती देर में नरेंद्र ने बातों की पुटरिया खोल दी. आसपास के सब हिलग गए. मास्टर आया. पढ़ाना चालू किया. मगर देखे कि कोई देख ही नहीं रहा. खरखराए तो बालक पलटे. अब सबकी पिट्टी सिट्टी वेन्ट ऑन वॉकिंग. और ऐसे टाइम सदियों से गुरु जी लोगों का एक ही औजार रहा है पेलने को. सुनाओ 13 का पहाड़ा टाइप कोई सवाल पूछ दो. मास्टर ने पूछा. कोई जवाब न दे पाए. आखिर में बारी आई अपने नरेंद्र की. और इन्होंने सटासट सब बता दिया. गुरुजी बोले. इसको छोड़कर बाकी सब डेस्क पर ठाणे हो जाओ. हो गए. पर ये क्या. नरेंद्र भी हो गए. टीचर जी पूछे. अरे बेटा नरेंद्र तुम क्यों खडे़ हो गए. तो अपने वीर बालक बोले. गलती इनकी नहीं हमारी है. हम ही इन्हें कुछ बता रहे थे. तो ध्यान बंधा था.
मास्टर साब कुछ दयालु रहे होंगे. तो मुस्कुरा दिए. बोले शाबाश. ये सच बोला. इनाम पूरी क्लास को मिलेगा. सब बैठ जाओ. और गाओ, 13 एकम 13.

साल था 1900. विवेकानंद की मौत से दो साल पहले. आखिरी बार इंडिया आए थे वो. मन में खलबली मची थी. कि जल्दी से अपने दोस्तों से मिल लें. गुरुभाइयों से मीटिंग वीटिंग कर लें. बेलूर पहुंचे. भूख भी जकड़ के लगी थी. लेकिन दरवज्जे पर पहुंचे तो देखा गेट बंद. बड़े परेशान. दिमाग लगाया हिसाब लगाया. फांद गए दीवार. जाकर अटैक किया सीधे किचन में. वहां उनकी फेवरेट खिचड़ी बनी रखी थी. पूरी साफ कर गए. उनकी स्पीड देख कर किसी को लगा नहीं था कि उनकी तबियत बिगड़ जाएगी.

Click to add a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Ajab Gajab

More in Ajab Gajab

प्रकृति का जैविक बम, जो ख़त्म कर सकता है मनुष्यों का अस्तित्व

AshishMay 21, 2018

गूगल डुप्लेक्स आपका कंप्यूटर जनित पर्सनल असिस्टेंट

AshishMay 20, 2018

शोध से हुआ खुलासा निकट भविष्य में हो सकता है तीसरा विश्वयुद्ध

AshishMay 20, 2018

इस हिट डायरेक्टर ने नहीं दी एक भी फ्लॉप फिल्म, कभी पैसो के लिए किया यह विज्ञापन

AshishApril 26, 2018

यह हॉलीवुड एक्ट्रेस सोती हैं अपने पालतू ‘शेर’ के साथ …..तस्वीरें देखके रह जायेंगे दंग!!!

AshishApril 26, 2018

एक ऐसा देश जहाँ जेल बना गया आलिशान होटल !!

AshishApril 23, 2018

दुनिया का सबसे ऊँचा और खौफनाक ब्रिज !!!!!

AshishApril 23, 2018

जानिए क्यों चाँद पर कदम रखने वाले पहले आदमी ने मांगी थी इंदिरा से माफ़ी

AshishApril 4, 2018

सनकी राष्ट्रपति जो मदिरा पान व् धूम्रपान न करने वालों को देना चाहता है मौत

AshishApril 4, 2018

Copyright 2016 Comicbookl / All rights reserved