Celebrity

घातक बाउंसर से फिरंगियों की फाड़ने वाला पहला भारतीय

घातक बाउंसर से फिरंगियों की फाड़ने वाला पहला भारतीय

कोलकाता का ईडन गार्डन्स. साल 1974. हर क्रिकेटर की तरह अपने पहले मैच में अपना बेहतरीन प्रदर्शन करने की उम्मीद से आगे बढ़ रहा था ये तेज गेंदबाज. सामने वेस्टइंडीज की वो टीम थी जिससे दुनिया डरती थी. उत्साह और जोश से भरे स्टेडियम के बीच जब अपना रनअप लेने की तैयारी कर रहा था तो कप्तान पटौदी ने कहा,” पहले मैं तुम्हें तीन ओवर दूंगा, ये तुम्हारा वॉर्म-अप होगा. अगर तुमने उसमें विकेट ले लिए तो तीन और दूंगा जो तुम्हारी स्ट्रेचिंग होगी.”

इंडियन क्रिकेट में वो दौर स्पिनर्स का था. मगर करसन घावरी ने अपने कप्तान की बात को गंभीरता से ले लिया था. पहली पारी में गेंदबाजी करते हुए 7 ओवर फेंके और 1 विकेट लिया. दूसरी पारी में जब बैटिंग करने गया तो 27 रन भी मारे. फिर जब गेंद हाथ लगी तो अपने 7 ओवरों के स्पेल में 18 रन देकर 1 विकेट लिया. इंडिया ये मैच 85 रन से जीता था. अपने पहले ही मैच से ये साबित करने वाला बॉलर कि भारतीय उपमहाद्वीप की पिचों पर तेज गेंदबाज भी विकेट निकाल सकते हैं, करसन घावरी आगे चलकर इंडिया का 100 विकेट लेने वाला पहला तेज गेंदबाज बना.

गुजरात के राजकोट से आए इस बाएं हाथ के तेज गेंदबाज को एसीसी सीमेंट की टीम में जगह मिल गई जिसमें पहले से पॉली उमरीगर, दिलीप सरदेसाई, रमाकांत देसाई और सुनील गावस्कर सरीखे खिलाड़ी खेलते थे. यहीं इन्हीं धुरंधरों के बीच खेलते हुए घावरी ने क्रिकेट की बारीकियां सीखीं.

कपिल देव के साथ भारत के लिए कई टेस्ट मैचों में बॉलिंग करने वाले घावरी ने समय के साथ बाउंसर को अपना मजबूत हथियार बना लिया था. कपिल देव ने अपने एक इंटरव्यू में कहा था कि ज्यादातर विदेशी खिलाड़ी करसन घावरी की बाउंसर्स का कोई जवाब नहीं ढूंढ पा रहे थे जो इंडिया के लिए विदेशी जमीन पर काफी फायदेमंद साबित हुआ था.”

साल 1977-78 में जब टीम ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर थी तब बिशन सिंह बेदी टीम के कप्तान थे और तब का एक किस्सा बेदी ने अपने एक इंटरव्यू में बताते हुए कहा था,” कंगारू घावरी के बाउंसर्स नहीं खेल पा रहे थे. तब मैंने घावरी के पास जाकर कहा था कि ऑस्ट्रेलियन गेंदबाजों ने हमारे टेलएंडरों को खूब बाउंसर डाली हैं, अब तुम्हारी बारी है उन्हें मजा चखाने की. उसी बीच ऑस्ट्रेलियन बल्लेबाज घावरी के पास आया और बोला अगर तुम बाउंसर डालोगे तो फिर जेफ थॉम्पसन तुम्हें भी घातक बाउंसर डालेगा. मगर घावरी ने इसकी परवाह न करते हुए और ज्यादा बाउंसर डालनी शुरू कर दी.”

घावरी के बारे में कुछ और बातें:

# 28 फरवरी 1951 को गुजरात के राजकोट में पैदा हुए इस बॉलर ने इंडिया के लिए 39 टेस्ट और 19 वनडे मैच खेले. 1974 से 1981 के बीच के इस क्रिकेट करियर में दो बार (1975 और 1979 ) वर्ल्ड कप भी खेले.

# यूं तो तेज गेंदबाजी करते थे घावरी मगर अपने अनोखे बॉलिंग एक्शन के बूते वो लेफ्ट आर्म स्पिन भी फेंकते थे. इनके नाम 109 टेस्ट विकेट हैं जिनमें चार बार 5-विकेट हॉल लेना भी शामिल है.

# कपिल देव ने 1978 में जब पाकिस्तान के खिलाफ फैसलाबाद में डेब्यू किया था तो उनके बॉलिंग पार्टनर करसन घावरी ही थे. दोनों साथ में विरोधी टीमों के लिए घातक साबित होते थे.

# साल 1978-79 में वेस्टइंडीज की टीम इंडिया के दौरे पर थी. उस दौरान 6 टेस्ट मैचों की उस सीरीज में घावरी ने सबसे ज्यादा 27 विकेट लिए थे.

# अपने 159 फर्स्ट क्लास मैचों में गावरी ने 452 विकेट लिए और 4500 रन बनाए. बाद में साल 2004-05 में घावरी को बंगाल रणजी टीम का कोच भी बनाया गया था.

Click to add a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Celebrity

More in Celebrity

इस हिट डायरेक्टर ने नहीं दी एक भी फ्लॉप फिल्म, कभी पैसो के लिए किया यह विज्ञापन

AshishApril 26, 2018

कभी एक न हो सके ये सितारे करते थे एक दूसरे से सच्चा प्यार

AshishApril 4, 2018

सारी हदें पार कर दी थी नयनतारा ने प्रभुदेवा के प्यार में लेकिन…

AshishApril 3, 2018

बाग़ी की दुल्हनिया 500 रू लेकर आयी थी मुंबई

AshishApril 3, 2018

जिंदगी से हार इन सेलेब्स ने कम उम्र में ही कर ली ख़ुदकुशी

AshishApril 3, 2018

अजय काजोल की बिटिया न्यासा देवगन का फ्यूचर प्लान

AshishApril 3, 2018

जब सेल्फ़ी मौसी को घरवालों ने खाने में मिलाकर दी ड्रग्स

AshishApril 3, 2018

टाइगर से पहले दिशा पटानी एक बिसेक्सुअल को करती थी डेट

AshishApril 3, 2018

एक फिल्म का कितना लेतीं हैं ये भोजपुरी हीरोइन्स

AshishApril 3, 2018

Copyright 2016 Comicbookl / All rights reserved