इस रुसी कंपनी ने AK-47 के बाद बनाई उड़न बाइक
माना जा रहा है कि इसका इस्तेमाल रूसी सेना द्वारा युद्ध के दौरान अपने सैनिकों तक हथियार पहुंचाने के लिए किया जाएगा। तकनीक की परिभाषा ही शायद यही है कि जो भी आप सोच सकें वह संभव हो जाए. रक्षा क्षेत्र में इस परिभाषा को सही साबित करने का सबसे ज्यादा श्रेय रूसी कंपनियों को मिलता रहा है. आज से करीब 70 साल पहले एके-47 रायफल बनाकर दुनिया को चौंकाने वाली मशहूर रूसी कंपनी क्लाशनिकोव कंसर्न ने अब उड़ने वाली मोटर बाइक बनाकर एक बार फिर लोगों को चौंका दिया है. क्लाशनिकोव कंसर्न ने पिछले हफ्ते ही इस मोटर बाइक से पर्दा हटाया है.
हालांकि, ड्रोन-क्वैडकॉप्टर जैसी दिखने वाली इस बाइक को कंपनी ने ‘फ्लाइंग कार’ नाम दिया है. इसमें एक ड्राइवर के बैठने की व्यवस्था की गई है जो दो जॉयस्टिक यानी छोटी सी स्टेयरिंग की मदद से इसे उड़ा सकता है. बिना किसी बड़े पंख (रोटर) वाली इस बाइक में आठ छोटे-छोटे रोटर्स लगाए गए हैं. इसकी एक खासियत यह भी है कि इसमें डीजल-पेट्रोल की जरूरत नहीं पड़ती, यह केवल बैटरी से चलती है. इसमें ड्राइवर की सीट के पीछे कई बैटरियां लगाई गई हैं.
हालांकि, इसकी यही विशेषता इसे सीमाओं में भी बांध देती है. जानकारों के मुताबिक बैटरी से चलने की वजह से यह ज्यादा से ज्यादा 40 मिनट तक हवा में उड़ सकेगी. साथ ही यह ज्यादा ऊंचाई भी तय नहीं कर पाएगी. इन लोगों का मानना है कि यह अधिकतम 30 फुट की ऊंचाई तक ही हवा में जा सकेगी.
दूरी, ऊंचाई और बैटरी बैकअप के बारे में अभी क्लाशनिकोव कंसर्न की ओर से कुछ भी नहीं बताया गया है. साथ ही इस बात का भी खुलासा नहीं किया गया है कि यह बाइक आम लोगों के लिए बनायी गई है या फिर रूसी सेना के लिए. कंपनी की प्रवक्ता सोफिया इवानोव के अनुसार अभी यह बाइक अपने प्रायोगिक चरण में है. साथ ही उनका दावा है कि यह बाइक एक ड्राइवर के साथ सामान ले जाने में भी सक्षम होगी. कई रूसी जानकारों का कहना है कि इस बाइक को रूसी सेना के लिए बनाया गया है जो इसका इस्तेमाल जंग के मैदान में सैनिकों को हथियार भेजने के लिए करेगी.
हालांकि, रूसी कंपनी द्वारा बनाई गई यह बाइक अपने आप में इकलौती नहीं है. इसी साल अप्रैल में गूगल के सह संस्थापक लैरी पेज ने इससे मिलता-जुलता ‘किट्टी हॉक फ्लायर’ नाम से एयरक्राफ्ट पेश किया था, जिसे उन्होंने पूरी तरह से इलेक्ट्रॉनिक बताया था. यह उड़ने के साथ-साथ पानी में तैरने में भी सक्षम है. पेज का कहना था कि 2018 में उनका यह छोटा एयरक्राफ्ट बाजार में बिक्री के लिए उपलब्ध होगा और इसे चलाने के लिए किसी तरह के पायलट लाइसेंस की जरूरत भी नहीं होगी.
उधर, इस साल की शुरुआत में रूस से इस बाइक की खबरें आने के बाद से अमेरिकी रक्षा विभाग भी ऐसे ही छोटे एयरक्राफ्ट पर काम शुरू कर चुका है. हाल ही में उसने इसे लेकर ब्रिटेन की कंपनी मलॉय एयरोनॉटिक्स के साथ एक साझेदारी की घोषणा भी की थी.
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