अगर आपको लगता है कि आप इतने इंटेलीजेंट हैं कि कंप्यूटर वायरस के फेर में नहीं पड़ेंगे तो शायद आप गलत हैं. कंप्यूटर वायरस में अगर फेमस टेनिस स्टार अन्ना कुर्निकोवा के नाम का इस्तेमाल किया गया हो तो आप क्या करेंगे. अन्ना कुर्निकोवा वायरस इतना खतरनाक था, इसने दुनिया भर में हजारों सर्वर्स को ठप कर दिया. कंप्यूटर वायरस का असर हार्ड ड्राइव की इंफॉर्मेशन को नुकसान पहुंचाने से कहीं ज्यादा होता है. वायरस के कारण अरबों डॉलर का नुकसान होता है. अगर आपको लगता है कि आप इतने इंटेलीजेंट हैं कि कंप्यूटर वायरस के फेर में नहीं पड़ेंगे तो शायद आप गलत हैं. कंप्यूटर वायरस में अगर फेमस टेनिस स्टार अन्ना कुर्निकोवा के नाम का इस्तेमाल किया गया हो तो आप क्या करेंगे. अन्ना कुर्निकोवा वायरस इतना खतरनाक था, इसने दुनिया भर में हजारों सर्वर्स को ठप कर दिया.हम आपको दुनिया के 10 सबसे खतरनाक कंप्यूटर वायरस के बारे में बता रहे हैं…
ILOVEYOU-इस वायरस को अब तक के सबसे संक्रामक कंप्यूटर वायरस में से एक माना गया है. इस वायरस ने दुनिया भर के कंप्यूटर सिस्टम्स में तबाही मचाई. इससे साल 2000 में करीब 10 अरब डॉलर का नुकसान हुआ. इंटरनेट से कनेक्टेड दुनिया भर के 10 फीसदी से ज्यादा कंप्यूटर इससे इंफेक्टेड हुए.
Code Red-यह वायरस सबसे पहले 2001 में सामने आया, इसे eEye डिजिटल सिक्योरिटी के दो एंप्लॉयीज ने खोजा था. इस वायरस से 10-20 लाख सर्वर प्रभावित हुए. वायरस से प्रॉडक्टिविटी के लेवल पर 2 अरब डॉलर का नुकसान हुआ.
Melissa-इस वायरस का नाम फ्लोरिडा की डांसर के नाम पर रखा गया. वायरस को 1999 में डेविड एल स्मिथ ने क्रिएट किया. इस वायरस से शुरुआत में वर्ड डॉक्युमेंट को इंफेक्ट किया. हालांकि, FBI ने बाद में स्मिथ को पकड़ लिया. स्मिथ ने वायरस तैयार करने वाले दूसरे लोगों को पकड़वाने में एफबीआई की काफी मदद की. स्मिथ की मदद से अन्ना कुर्निकोवा वायरस बनाने वाले को भी पकड़ा गया. Melissa वायरस से 80 मिलियन डॉलर का नुकसान हुआ था.
Sasser-यह वायरस सबसे पहले 2004 में सामने आया. इसे कंप्यूटर साइंस के स्टूडेंट स्वेन जैशचैन ने बनाया था. इस वायरस से दुनिया भर के लाखों कंप्यूटर प्रभावित हुए थे. साथ अहम इंफ्रास्ट्रक्चर पर भी असर पड़ा था. वायरस के कारण एयरलाइंस, न्यूज एजेंसीज, पब्लिक ट्रांसपोर्टेशन, हॉस्पिटल्स का काम ठप पड़ गया था. इस वायरस के कारण 18 अरब डॉलर का नुकसान हुआ था.
Zeus-Zeus एक ट्रोजन हॉर्स था, जिसे विंडोज कंप्यूटर्स इंफेक्टेड करने के लिए बनाया गया था. इस वायरस ने अमेजन, ओरेकल, बैंक ऑफ अमेरिका, सिस्को जैसी बड़ी कंपनियों समेत दुनिया भर के कंप्यूटर्स पर असर डाला. Zeus बॉटनेट के कंट्रोलर्स ने इसका इस्तेमाल सोशल नेटवर्क, ई-मेल और बैंकिंग अकाउंट्स को लॉग-इन डिटेल्स तक सेंधमारी करने में किया.
Conficker-इसे Downup या Downadup के नाम से भी जाना जाता है. यह वायरस साल 2008 में सबसे पहले आया. इस वायरस ने दुनिया भर में 90 लाख से ज्यादा कंप्यूटर पर असर डाला. इस वायरस के कारण दुनिया भर में 9 अरब डॉलर से ज्यादा का नुकसान हुआ.
Stuxnet-इस वायरस का पता जुलाई 2010 में लगा. दूसरे कंप्यूटर वायरस से अलग इस वायरस ने वाटर ट्रीटमेंट, ऑयल पाइपलाइन, गैस पाइपलाइंस और पावर ग्रिड से जुड़े सिस्टम्स को इंफेक्टेड किया. इस वायरस के बारे में कहा गया है कि यह वायरस किसी भी सिस्टम में घुस सकता है और कुछ भी मैन्युफैक्चर करने के लिए फॉर्मूला चुरा सकता है.
Mydoom-ILOVEYOU के बाद यह सबसे तेजी से फैलने वाले वायरस में से एक है. इस वायरस से 38.5 अरब डॉलर का नुकसान हुआ है. एक्सपर्ट का मानना है कि यह वायरस किसी न किसी रूप में अब भी एक्टिव है.
CryptoLocker-यह ट्रोजन हॉर्स रैनसमवेयर का ही एक रूप है और इसने विंडोज पर चलने वाले कंप्यूटर्स को अपना टारगेट बनाया. इस वायरस ने दुनिया भर में फैलने के लिए कई तरीकों का इस्तेमाल किया. इस वायरस से फ्री होने के लिए कैश या बिटक्वॉइन में 400 डॉलर की रिश्वत मांगी गई. इसमें हैकर्स ने करीब 3 मिलियन डॉलर की रिश्वत वसूली गई.
Flashback-इस वायरस से छह लाख से ज्यादा Mac इंफेक्टेड हुए, जिनमें से 274 Mac क्यूपरर्टिनो एरिया के हैं, जहां एप्पल का हेडक्वॉर्टर है. एप्पल ने मैक से फ्लैशबैक को हटाने के लिए अपडेट रिलीज किए हैं.
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