अखाड़ा परिषद ने एक लिस्ट जारी करके कुछ साधुओं को, या कहें बाबाओं को फर्जी घोषित कर दिया है। इस सूची में गुरमीत राम रहीम और आसाराम से लेकर राधे मां तक 14 बाबा शामिल हैं। अखाड़ा परिषद ने इन बाबओं को फर्जी घोषित करने के कई कारण बताये हैं जिसमें उनकी जीवन शैली से लेकर उनके द्वारा किए गए अपराध शामिल हैं। आइये जानें इन पाखंडी बाबाओं की करतूतों के बारे में जिनकी वजह से ये फर्जी घोषित हुए।
राम रहीम
गुरमीत राम रहीम को उनके ऊपर लगे बलात्कार के आरोपों के चलते फर्जी घोषित किया गया।
आसाराम बापू
आशुमल शिरमानी यानि आसाराम बापू को भी यौन शोषण और बलात्कार के आरोपों के चलते इस सूची में शामिल किया गया है।
राधे मां
सुखविंदर कौर उर्फ राधे मां को उनकी जीवन शैली के चलते फर्जी कहा गया है। उनके कपड़े, मेकअप, भक्तों से गले मिलना और उन्हें फूल देकर आई लव यू फ्रॉम दी बॉटम ऑफ माई हार्ट कहना जैसी कई चीजें हैं जो उन्हें बेहद विवादित बनाता है।
स्वामी असीमानंद
साल 2007 में हैदराबाद की मक्का मस्जिद में हुए धमाके के मामले में स्वामी असीमानंद को आरोपी बनाया गया था। फिल्हाल वो जमानत पर हैं लेकिन उनके आतंकी गतिविधियों में शामिल होने की पूरी आशंका है।
रामपाल बाबा
बाबा रामपाल जो खुद को कबीर पंथी कहते हैं, पर हत्या, देशद्रोह और बंधक बनाने समेत अवैध सामग्री समेत कई संगीन आरोप हैं। जेल में बंद रामपाल पर 6 गंभीर मामले थे, जिनमें से 2 में उसे बरी कर दिया गया, लेकिन हत्या और देशद्रोह समेत कई अन्य मामलों में वो अब भी आरोपी है।
सच्चिदानंद गिरि उर्फ सचिन दत्ता
सच्चिदानंद गिरि का असली नाम सचिन दत्ता है। उत्तर प्रदेश के नोएडा के शराब कारोबारी सचिन दत्ता उर्फ सच्चिदानंद को निरंजनी अखाड़े का महामंडलेश्वर बनाने पर विवाद खड़ा हो गया था। गिरी को प्रयाग में महामंडलेश्वर की उपाधि दी गई थी। सच्चिदानंद बीयर बार के साथ डिस्कोथेक और रियल एस्टेट कारोबार भी चलाता है।
ओम बाबा उर्फ विवेकानंद झा-
एक रियल्टी शो के प्रतिभागी रहे और मार पीट कर शो से निकाले गए ओम बाबा का असली नाम विवेकानंद झा है। उनके खिलाफ साइकिल चोरी से लेकर कई आपराधिक मामले दर्ज हैं। ओम बाबा महिलाओं पर अभद्र टिप्पणी करने और अपने विवादित व्यवहार के चलते टीवी चैनलों और कई बार अन्य जगहों पर सार्वजनिक रूप से मार खा चुके हैं।
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