भारत के 7 स्थल, जहाँ काली शक्तियों का आभास होता है
भूत और आत्माएं एक अनदेखा डर हैं. ये डर हम कहीं न कहीं, किसी न किसी जगह महसूस कर ही लेते हैं. इनके होने न होने पर तो हमेशा सवाल रहता ही है पर ऐसे हॉन्टेड प्लेस भी हैं, जहां लोगों को भूतिया डर का एहसास होता है…
टनल नंबर 33 हिमाचल की खूबसूरत वादियों में बसा शिमला शहर भी एक डरावने मंजर को अपने अंदर समेटे है. इस शहर से जुड़ी कई भूतिया कहानियां हैं. इनमें से एक है टनल नंबर 33. यह टनल 1143.61 मीटर लंबी है जो कालका-शिमला के रास्ते पर बरोग रेलवे स्टेशन के पास है. इस टनल के सामने ब्रिटिश रेलवे इंजीनियर कर्नल बरोग ने आत्महत्या की थी. लोग कहते हैं कि यहां आज भी कर्नल बरोग आत्मा को महसूस किया जाता है पर वो किसी के नुकसान नहीं पहुंचाती.
मालचा महल मालचा महल दिल्ली के दक्षिण रिज के बीहड़ो में है. यह महल 700 साल पहले फिरोज शाह तुगलक ने करवाया था. यह फिरोज शाह का शिकारगाह हुआ करता था और पिछले कई वर्षों से वीरान रहने के कारण खंडहर हो चुका था. इस खंडहर हो चुके महल में 1985 में, अवध घराने की बेगम विलायत अपने दो बच्चों, पांच नौकरों और 12 कुत्तों के साथ रहने आई थीं. यहां के बाद वो कभी इस महल से बाहर नहीं निकली. इसी महल में बेगम विलायत खान ने 10 सितम्बर 1993 को आत्महत्या कर ली थी. कहते हैं उनकी आत्मा आज भी यहां भटकती है.
रामोजी फिल्म सिटी देश का सबसे बड़ा फिल्म स्टूडियो है रामोजी फिल्म सिटी. यह हैदराबाद में है. इस जगह रामोजी फिल्म सिटी में कई होटल हैं जो डरावनी हलचलों की वजह से जाने जाते हैं. इन भूतिया हलचलों की ज्यादातर शिकार औरतें और लड़कियां बनती हैं. यहां लोगों ने बताया कि कोई अनदेखी शक्ति लड़कियों के कपड़े खींचती है. लोगों का कहना है कि शूटिंग के दौरान कई बार लाइट मैन को ऊपर से कोई धक्के देकर गिरा चुका है जिससे उन्हें गहरी चोटें लगी हैं.
शनिवारवाड़ा महल मराठाओं द्वारा पूणे में बनवाया गया शनिवारवाड़ा महल पेशवाओं को तोहफे में दिया गया था. इस महल का निर्माण 1756 में हुआ था. इस खूबसूरत तोहफे के पीछे भी एक काला डर छिपा है. शनिवारवाड़ा की चार दिवारियों के बीच 13 साल के पेशवा राजकुमार को बेदर्दी से मारा गया था. कहा जाता है कि इस महल में आज भी आधी रात को उस राजकुमार के चीखने आवाजें आती. ये चीखें पूर्णिमा की रात को और भी साफ सुनाई देती हैं.
दुमस बीच गुजरात का दुमस बीच अरब सागर पर स्थित है. यह तट अपनी खुबसूरती और काली मिट्टी के साथ-साथ एक डरावने राज की वजह से भी जाना जाता है. इस बीच पर लोगों का अंतिम संस्कार किया जाता है और सूरज ढलने के बाद यहां कोई नहीं जाता. इस जगह लोगों अक्सर किसी के रोने की तो कभी फुसफुसाने की आवाजें सुनाई देती हैं. यहां तक कि इस तट से कई लोग गायब हुए या अपनी जान गंवा दी है.
मालाबार हिल्स मुंबई की मालाबार हिल्स में तो दिन में ही एक से बढ़कर एक खौफनाक मंजर आपको देखने को मिल जाएंगे. दरअसल यहां पारसी समुदाय के लोग अंतिम संस्कार करते हैं. पारसी अपने मृतकों के शव को न जलाते हैं, न दफनाते हैं बल्कि यहीं लाकर खुले में गिद्धों और अन्य मांस भक्षी पक्षियों के लिए छोड़ जाते हैं. ये ही यहां से जुड़े सबसे बड़े खौफ की वजह भी है. कहते हैं यहां अक्सर सफेद कपड़ों में एक बेहद हसीन लड़की देखी जाती है जो रात के वक्त यहां से गुजरने वालों से लिफ्ट मांगती है. इसके अलावा एक पारसी परिवार की आत्माओं को देखे जाने का भी दावा किया जाता है जो इसी जगह एक कार एक्सीडेंट में मारे गए थे.
उग्रसेन की बावली राजाओं का आकर्षण रही दिल्ली कई ऐतिहासिक इमारतों का घर है जो अपने आप में ढेरों रहस्य समेटे हैं. इन इमारतों में से एक है 14वीं शताब्दी में बनी महाराजा उग्रसेन की बावली. माना जाता है कि इसके पानी में अजीब सी आकर्षण शक्ति थी जो लोगों को डूबकर मरने के लिए मजबूर करती थी.
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