‘जो बिना किसी परेशानी के जीत जाए उसे जीत कहते हैं, लेकिन जो अनगिनत परेशानियों के बीच जीत हासिल करता है उसे इतिहास कहते हैं’
एडोल्फ हिटलर की कही हुई ये बात जिदंगी के ज्यादातर मुकामों पर सही साबित होती है. हिटलर के बारे में कही हुई न जाने कितनी ही उक्तियां आज दुनिया भर में मशहूर है लेकिन जर्मनी के सबसे बड़े तानाशाह और दूसरे विश्वयुद्ध के लिए जिम्मेदार माने जाने वाले हिटलर का नाम जहन में आते ही, ज्यादातर लोग नफरत और नकरात्मकता से भर उठते हैं. इसकी सबसे बड़ी वजह थी हिटलर ने साम्यवादियों और यहूदियों पर बहुत अत्याचार किए थे. जिसके बारे में जानकर किसी भी इंसान की रूह तक कांप सकती है. हिटलर को यहूदियों से इतनी नफरत क्यों थी. इससे जुड़ी हुई कई कहानियां मिलती है. लेकिन हिटलर की आत्मकथा पर नजर डालें तो पता चलता है कि युवा हिटलर को सबसे पहले एक यहूदी लड़की से प्यार हुआ था. जो यहूदी से नफरत करने की वजहों में से एक साबित हुई.
यहूदी लड़की ने ठुकराया था हिटलर का प्यार
जिदंगी के शुरूआती सालों में ये जर्मन राजनेता कई बार लोगों की नफरत और शोषण का शिकार हुआ था जिससे उसके मन में सभी के लिए नफरत भर गई थी. उस दौर में उसे एक यहूदी लड़की से प्यार हो गया था लेकिन उसमें अपने प्यार का इजहार करने की हिम्मत नहीं थी. कहते हैं कि वो लड़की हिटलर को नापसंद करती थी.
वैज्ञानिकों और इंजीनियर से भरी टीम के बल पर मचाई तबाही
माना जाता है कि हिटलर की सबसे बड़ी ताकत उसकी सेना और पेशेवर लोग थे. जिनके बल पर उसने भारी तबाही मचाई थी. उसकी सेना में ऐसे 5 महत्वपूर्ण लोग थे.
1. फेर्डिनैंड पोर्श: ये कार बनाने वाली कंपनी के मालिक पोर्श ही थे. इन्होंने वॉक्सवैगन बीटर कार डिजाइन की, जिसे हिटलर ने आम लोगों की कार का नाम दिया था. फेर्डिनैंड पोर्श ने जर्मन टाइगर टैंक भी बनाया था, जो बेहद जटिल था.
2. कुर्त टैंक: कुर्त ने जर्मनी के लिए फाइटर प्लेन बनाए थे. कुर्त टैंक प्रथम विश्वयुद्ध में बतौर सैनिक जर्मनी के लिए लड़ चुके थे. इसके बाद वो पॉयलट बने. कुर्त टैंक ने नाजी जर्मनी के लिए एफडब्ल्यू 190 फाइटर प्लेन और एफडब्ल्यू 200 ट्रांसपोर्ट प्लेन बनाए, जो ब्रिटिश फाइटर प्लेन से कहीं ज्यादा आगे थे.
3. अर्नेस्ट हेंकेल: अर्नेस्ट हेंकेल का बनाया पहला ही हवाई जहाज पहली उड़ान में ही क्रैश हो गया. अर्नेस्ट हेंकेल ने 1920 से 30 की दशक में जहाज बनाए. उन्होंने सबसे तेजी से उड़ाने भरने वाले ही 187 जहाजों के डिजाइन बनाए, जिसकी स्पीड सबसे तेज थी.
4. रॉबर्ट लूजर: ये एयरक्राफ्ट इंजीनियर होने के साथ ही अवॉर्ज विजेता पॉयलट भी थे. इन्होंने कई कंपनियों को अपनी सेवाएं दी और द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद वो अमेरिका चले गए.
5. वॉल्टर थिएल: जर्मनी के रॉकेट रिसर्च प्रोगाम को देखने वाले ये केमिकल इंजीनियर थे और बाद में जर्मन रॉकेट डिवीजन के दूसरे नंबर के बॉस बने.
कुछ अजीब थी हिटलर की मानसिकता
ऐसा माना जाता है कि हिटलर की बात न मानने वाले लोगों को ये तानाशाह कैद करके यातनाएं देता था. लेकिन दूसरी तरफ उसने अपने साथ काम करने वाले कई सेना के अधिकारियों और वैज्ञानिकों को भी कारागार में डलवा दिया था क्योंकि उसका कहना था कि उन्हें उसके गलत कामों और तबाही के खेल का विरोध करना चाहिए था. बहरहाल, इस बात को दावे के साथ तो नहीं कहा जा सकता लेकिन इतना तो तय है कि वैज्ञानिकों और इंजीनियर्स की टीम के बल पर हिटलर ने जमकर तबाही मचाई थी…
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