क्या आपने कभी सोचा था कि हजारों साल पहले विलुप्त हो चुके हाथी जैसे दिखने वाले मैमथ जानवर को दोबारा देखेंगे। शायद नहीं, सबसे खास बात तो यह है कि बहुत से लोगों को मैमथ के बारे में पता ही नहीं है। यह जानवर धरती से हजारों साल पहले ही विलुप्त हो चुका है, लेकिन जल्द ही अब एक बार फिर मैमथ अपने क्लोन के रूप में इस दुनिया में वापस लौटेगा। जी हां साइबेरिया स्थित फ्रेडरल यूनविर्सटी में एक प्राचीन डीएनए लैबोरिटी लॉन्च की गई है। जहां पर अब रूस के वैज्ञानिक इस दिशा में सफलता पाने की कोशिश में लगे हैं।
हजारों साल पहले विलुप्त
लगभग 11 फुट ऊंचा मैमथ हाथी जैसा दिखने वाला भारी-भरकम जानवर होता था। इसके शरीर पर बाल काफी लंबे होते थ्ो और इसके कान हाथी के कानों से भी बड़े होते थे। इसके दांत भी बहुत बड़े होते थे। यह खासकर साइबेरिया में पाया जाता थ। कहा जाता है कि इसके अलावा वह धरती के दूसरे बर्फीले इलाके आर्कटिक में भी पाया जाता था। यह जानवर धरती से कई हजार साल पहले ही विलुप्त हो चुका है। ऐसे में अब साइबेरिया के जंगलों में पाए जाने वाले इस मैमथ को रुख के वैज्ञानिक दोबारा जीवित यानी क्लोन के रूप में लाना चाहते हैं। सबसे खास बात तो यह है कि साइबेरिया नार्थ पूर्वी याकूत्सक शहर में स्िथत फेड्रल यूनिवर्सिटी में एक प्रयोगशाला की लॉन्चिंग हुई है।
सफलता के रूप में देख रहे
जहां पर प्राचीन दौर के डीएनए पर रिसर्च की जाएगी और ‘विशाल और अन्य जीवाश्म जानवरों के पुनरुद्धार की तैयारी है। इस दौरान रुसी शोधकर्ताओं को उम्मीद है कि अगर प्रयोगशाला उन्हें शोध करने की परमीशन देती है तो वह मैमथ का क्लोन तैयार करेंगे। इसके लिए वह पूरी तैयारी भी कर चुके हैं और इसे एक बड़ी सफलता के रूप में देख रहे हैं। इतना ही नहीं इस दौरान वे सिर्फ मैमथ ही नहीं बल्कि साइबेरिया के कई और विलुप्त हो चुके जानवरों का क्लोन तैयार करेंगे। जिसमें घोड़ा लोमडी जैसे और भी कई जानवर शामिल है। कहा जा रहा है कि साइबेरिया में ठंड अधिक होने के कारण यहां पर हजारों की संख्या में सालों जमे हुए सेल मिले हैं। इस संबंध में फेड्रल यूनिवर्सिटी के डायरेक्टर ग्रीगोर्व का कहना है कि इस दिशा में पूरी उम्मीद दिख रही हैं कि ये जमे हुए सेल मैमथ का क्लोन बनाने में काफी हद तक सहायक होंगे।
शव का अध्ययन कर रहे
इतना ही नहीं उनका कहना है कि यूनिवर्सिटी की इस लैब का मुख्य उद्देश्य ही विशाल और अन्य जीवाश्म जानवरों का पुनरुद्धार करना है। जिससे यहां पर क्लोनिंग के जरिए इन्हें दुनिया में दोबारा लाया जाएगा। जिससे जानकवरों के अतीत और उनके ग्रह के बारे में में काफी तेजी से अध्ययन हो रहा है, क्योंकि हजारों साल पहले विलुप्त हो चुके जानवरों को वापस लाना इतना आसान काम नहीं है। इस बड़ी पहल को लेकर उन्होंने यह भी बताया कि मैमथ के क्लोन के लिए कांट्रैक्ट देने का ऐलान हुआ। जिसको लेकर कुल तीन पार्टियां सामने आई हैं। जिसमें अब देखना है कि उनके इस सपने और मुहिम को कौन सी पार्टी बेहतर तरीके से पेश कर पाती है। हालांकि इस दिशा में रुस के वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि वे इस काम को बिल्कुल परफेक्ट तरीके से उसके असली शव के साथ ही पूरा करेंगे।
सेल और जिनोम के साथ
जिसके लिए वह पिछले काफी लंबे से कोशिश भी कर रहे हैं, लेकिन अभी कुछ खास तेजी नहीं दिखी है। इसके साथ ही उनका कहना है कि रूस के उत्तर-पूर्वी साइबेरियाई इलाके के याकूतिया प्रदेश में वर्ष 2010 में यूकी नामक मैमथ के बच्चे का 39000 साल पुराना शव मिला था। जिसके लिए रुसी वैज्ञानिक उसके दिमाग का ऑपरेशन करके उसका विस्तृत अध्ययन करन में जुटे हैं। इसके साथ ही हावर्ड यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिक भी क्रिस्पर नाम एक अनोखी तकनीक तैयार कर चुके हैं। जिसके तहत हाथी के सेल और जिनोम के साथ मैमथ के डीएनए को मिलाकर बनाया जा सकता है। वे एकबार फिर मैमथ जैसे जानवर को अपने मूल स्वरूप में जिंदा करने का दावा कर रहे हैं। हालांकि यह आर्कटिक महाद्वीप पर पाए जाने वाले मैमथ के स्ट्रक्चर पर बनाया जाएगा।
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