अगर धरती गिरी ब्लैक होल में : एक खगोलीय कल्पना
ब्लैक होल्स के बारे में जानने के लिए लंबे समय से लोगों के मन में उत्सुकता बनी रही है। गुरुत्वाकर्षण तरंगों के बारे में जानकारी मिलने के बाद अब ब्लैक होल्स के बारे में जानने के लिए लोगों का रुझान निश्चित रूप से बढ़ा है। यदि धरती ब्लैक होल में गिर जाए, तो वैज्ञानिकों ने तीन परिकल्पनाएं बताई हैं।
पहली
ब्लैक होल के गुरुत्वाकर्षण बल के कारण शरीर में खिंचाव शुरू हो जाएगा। आपका शरीर लंबा होता चला जाएगा। मान लीजिए कि आप ब्लैक होल में पैरों की ओर से प्रवेश कर रहे हैं, तो सबसे पहले पैरों में जबरदस्त बल लगता हुआ महसूस होगा। उसके बार सिर में खिंचाव का एहसास होगा।
हाथ शरीर के केंद्र से बाहर होते हैं, ऐसे में उनका बढ़ना अलग ही दिशा में होगा और कुल मिलाकर शरीर स्पेगेटी (एक प्रकार की माइक्रोनी) की तरह हो जाएगा।
दूसरी
दूसरी धारणा वैज्ञानिकों ने यह दी है कि ब्लैक होल में गिरते ही उसके रेडिएशन के कारण स्पेगेटी बनने से पहले ही आपका शरीर फ्राई हो जाए।
तीसरी
तीसरी धारणा यह है कि कोई भी वस्तु, जो ब्लैक होल में जा रही है, उसकी होलोग्राफिक इमेज बन जाए। जबकि वह वस्तु मूल रूप से भी मौजूद रहे।
क्या होता है ब्लैक होल
ब्लैक होल अंतरिक्ष में वो जगह है, जहां भौतिक विज्ञान का कोई नियम काम नहीं करता। इसका गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र बहुत शक्तिशाली होता है। इसके खिंचाव से कुछ भी नहीं बच सकता। प्रकाश भी यहां प्रवेश करने के बाद बाहर नहीं निकल पाता है।
यह अपने ऊपर पड़ने वाले सारे प्रकाश को अवशोषित कर लेता है। आइंस्टीन बता चुके हैं कि किसी भी चीज का गुरुत्वाकर्षण स्पेस को उसके आस-पास लपेट देता है और उसे कर्व जैसा आकार दे देता है।
जरूरी नहीं है सारे ब्लैक होल काले हों
जरूरी नहीं है कि सारे ब्लैक होल काले ही हों। क्वासार्स (Quasars) जबरदस्त चमकीले ब्लैक होल हैं। वे अपनी मूल आकाशगंगा को संयुक्त रूप से प्रकाशित भी कर सकते हैं।
Related
RSS