आज के अत्याधुनिक दुनिया में रेलवे तेजी से स्वचालित होता जा रहा है. रेलवे में ऐसे कई नियंत्रण प्रणाली है जो मानव रहित है. जबकि अभी भी ऐसे कई नियंत्रण के काम है जो किसी न किसी रेलकर्मी द्वारा नियंत्रित किया जाता है. रेलवे के परिचालन में रेलवे की कोशिश रहती है कि कोई दुर्घटना न हो. मगर दुनिया भर में हर साल दर्जनों रेल दुर्घटनाएं हो ही जाती है . जो किसी न किसी मानव या मशीन के चूक के कारण हो जाया करती है. मगर आज हम आपको ऐसे रेलवे स्टेशन के बारे में जानकारी देंगे जिसका कंट्रोलर एक लंगूर करता था. जिसने अपने करियर में कभी कोई गलती नहीं की.
रेलवेकर्मी ने पाला था लंगूर को
सन 1877 में जेम्स वाइड नाम के एक रेलवे कर्मचारी ने एक दुर्घटना में अपने दोनों पैर गंवा दिए थे. इस एक्सीडेंट से उबरने के बाद उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के Uitenhage स्टेशन पर सिग्नेलमैन के तौर पर नौकरी शुरु की. आज से दशकों पहले 18वीं शताब्दी में भी एक लंगूर अपने कारनामों के लिए मशहूर था? आज भी एक रेलवे स्टेशन पर अपने गजब योगदान के लिए लंगूरों को याद किया जाता है.
नौकरी के चार साल बाद जेम्स की नजर Chacma प्रजाति के एक लंगूर जैक पर पड़ी। डार्क ग्रे रंग के ये लंगूर दक्षिण अफ़्रीका के कई हिस्सों में पाए जाते हैं. वहां जैक बैलगाड़ी खींचने का काम कर रहा था. जेम्स की नजर इस लंगूर पर पड़ी और उसने उसे तुरूंत खरीद लिया. शुरुआत में जेम्स ने जैक को ट्रॉली खींचने की ट्रेनिंग दी.
जेम्स को जल्दी ही अंदाजा हो गया कि जैक उसकी उम्मीदों से ज़्यादा स्मार्ट है और वो कई काम कर सकता है. जेम्स ने जल्द ही उसे कोल यार्ड की चाभियां संभालने का काम दे दिया. इसके अलावा स्टेशन के बगीचे की ज़िम्मेदारी भी जैक के कंधों पर ही थी. एक बार जब जेम्स को यकीन हो गया कि जैक लीवर्स को ऑपरेट कर सकता है, तो उसे स्विच के बारे में भी ट्रेनिंग दी गई और बताया गया कि स्टेशन पर किसी भी ट्रेन के आने पर कैसे इन स्विच को अपनी पॉज़िशन पर लगाया जाता है.
जेम्स, जैक को इशारा करने के लिए केवल एक या दो उंगलियों का ही इस्तेमाल किया करते था. इशारा मिलते ही जैक सही लीवर दबा देता और इसके बाद इस होशियार लंगूर को किसी भी तरह के निर्देशों की जरूरत नहीं पड़ती. यूं तो जैक हमेशा अपने मालिक की निगरानी में ही रहता था, लेकिन ये किसी उपलब्धि से कम नहीं है कि इस लंगूर ने अपने करियर के दौरान एक बार भी ग़लती नहीं की थी.
जैक दरअसल चीजों को तेजी से सीखने की क्षमता रखता था. जैक अपने मालिक जेम्स के घर का भी ख्याल रखता था. वह कुएं से पानी भर लेता था, घर साफ़ कर देता था, यहां तक की पूरे बाग की भी देखभाल करता था. इसी के साथ जैक दुनिया का पहला ऐसा लंगूर था, जो रेलवे के लिए काम कर रहा था. इस घटना के बाद से ही इस बंदर को ‘जैक द सिग्नलमैन’ कहा जाने लगा.
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