सीरिया के उत्तर पश्चिमी इदलिब प्रांत में मंगलवार को संदिग्ध रासायनिक हमले में कम से कम 100 लोगों की मौत हो गई और 400 से अधिक को सांस लेने तथा अन्य दिक्कतें हैं। इस हमले में मरने वालों में बड़ी संख्या में बच्चे भी शामिल हैं। तो आइए जानते हैं कितने खतरनाक हैं ये रायायनिक हथियार …
सफेद फॉस्फोरस
इराक में इस्लामी आतंकियों के खिलाफ अमेरिकी सेना ने सफेद फास्फोरस का इस्तेमाल किया था। इतना ही नहीं रूस ने सीरिया के रक्का शहर में भी सफेद फॉस्फोरस का इस्तेमाल किया था। इस रासायनिक हथियार का प्रभाव बहुत खतरनाक है कि यह इंसान की हड्डियां तक गला देता है। अगर ये कैमिकल किसी इंसान की स्कीन पर गिर जाए तो उसे पूरी तरह से झुलसा देता है।
सैरीन कैमिकल
जापान में 1995 में हुए एक हमले में सैरीन नामक रसायन का इस्तेमाल हुआ था। सितंबर 2013 में भी एक इस रासायनिक हथियार का इस्तेमाल किया गया था। रॉकेट के जरिए इस रासायनिक हथियार का प्रयोग सीरिया के कुछ इलाकों में किया गया। इस रसायन को जीबी नाम से भी जाना जाता है। यह इतना खतरनाक रसायन है कि अगर इसकी एक बूंद भी किसी इंसान के सिर पर गिर जाए तो उसकी मौत पक्की है।
मस्टर्ड गैस
प्रथम विश्वयुद्ध में जर्मन सेना ने ब्रितानी सेना और कनाडा की सेना के विरुद्ध मस्टर्ड गैस का प्रयोग किया था। इसके बाद फ्रांसीसी द्वितीय सेना के विरुद्ध भी इसका इस्तेमाल किया गया था। इस कैमिकल हथियार का इस्तेमाल कई बार हुआ है। यह कैमिकल किसी व्यक्ति की आंख, श्वासन तंत्र और त्वचा पर सीधा हमला करता है जिससे किसी भी शख्स की जान आसानी से जा सकती है। यह इंसान की शरीर के लिए ऊतकों को तेजी से नष्ट करने लगता है।
फॉस्जीन कैमिकल
प्रथम विश्वयुद्ध में दोनों पक्षों की ओर से फॉस्जीन गैस का भी इस्तेमाल किया गया था। इस गैस के हमले के बाद इंसान के शरीर पर छाले पड़ जाते हैं, वो अंधा हो जाता है। शरीर जलने की वजह से उसकी मौत हो जाती है और अगर तुरंत मौत ना हुई तो उसे कैंसर हो जाता है।
क्लोरीन कैमिकल
सीरिया के शहर सराक़ेब में 2016 में क्लोरीन गैस से भरे बैरल गिराए गए। इस घटना में करीब 30 लोग प्रभावित हुए हैं, जिनमें अधिकतर बच्चे और महिलाएं हैं। क्लोरीन गैस से प्रभावित लोगों को सांस लेने में तकलीफ़ हो सकती है और उनके मुंह से ख़ून निकल सकता है। युद्ध के दौरान इस रासायनिक हथियार का इस्तेमाल दुश्मनों को तड़पाकर मारने के लिए किया जाता है। यह हवा से भारी होता है और तेजी से फैलता है इसलिए इससे तेजी से लोग प्रभावित होते हैं।
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