अमेरिका के पहले अश्वेत अब्राहम लिंकन का नाम राष्ट्रपति बनने से पहले अनगिनत असफलताओं से जुड़ा हुआ था. साल 1832 में लिंकन ने अपनी नौकरी गंवाई और विधान सभा का चुनाव भी हारे. अगले ही साल वे अपने बिजनेस में भी फ़ेल हो गए.
साल 1834 में फिर से चुनाव लड़ने पर विधान सभा का चुनाव जीत गए लेकिन 1835 में उनकी पत्नी का देहांत हो गया. साल 1836 में उन्होंने मानसिक हताशा की बीमारी का सामना किया.
साल 1838 में वे एक और चुनाव हारे. साल 1843 में कांग्रेस के नामिनेशन के लिए नहीं चुने गए. साल 1849 में उनका भूमि अधिकरण ख़ारिज कर दिया गया. 1854 में लिंकन सीनेट का चुनाव हार गये.
1856 में वे उपराष्ट्रपति के लिए नहीं चुने गए. साल 1858 में वे दोबारा उपराष्ट्रपति का चुनाव हार गए. लेकिन इतनी असफलताओं के बावजूद लिंकन अपनी मजबूत इच्छा शक्ति के कारण अमेरिका के सोलहवें राष्ट्रपति बने. उनका कार्यकाल 1861 से 1865 तक था. ये रिपब्लिकल पार्टी के महान नेता थे.
जर्मनी में 14 मार्च 1879 को जन्मे महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन सैद्धांतिक भौतिकविद थे, जो सापेक्षता के सिद्धांत और द्रव्यमान-ऊर्जा समीकरण E = mc2 की खोज के लिए जाने जाते हैं.
साल 1921 में इन्हें भौतिक विज्ञान में किए गए सेवाकार्य के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया. साल 1999 में टाइम पत्रिका ने आइंस्टीन को शताब्दी-पुरूष घोषित किया. आइंस्टीन भारत में महात्मा गांधी, जवाहर लाल नेहरू और रविंद्रनाथ ठाकुर के विचारों से काफी प्रभावित थे.
आइंस्टीन बचपन में कमजोर विद्यार्थी थे, जिसके कारण उनके शिक्षक तक उनसे निराश रहा करते थे. पढ़ने में वो इतने फिसड्डी थे कि उनके शिक्षक उन्हें अक्सर स्कूल छोड़ देने की सलाह दिया करते थे.
कई जगहों पर इस तरह की भी जानकारी मिलती है कि आइंस्टीन खुद भी स्कूल जाना पसंद नहीं करते थे. आगे चलकर वही आइंस्टीन भौतिक विज्ञान में क्रांति के परिचायक बने.
सर आइजक न्यूटन जन्म सन् 1642 मे ब्रिटिश शहर बुल्सथोर्प मे हुआ था. न्यूटन 12 साल के हुए तब उनका एडमिशन एक स्कूल में कराया गया था, लेकिन उनका पढ़ने में मन ही नहीं लगता था.
स्कूल के अन्य बच्चों के सामने न्यूटन हीन भावना महसूस करते थे, क्योकि वो पढ़ने-लिखने में इतने कमजोर थे कि उन्हें कक्षा में पढ़ाए जाने वाले पाठ भी याद नहीं रहते थे. वही न्यूटन आने वाले समय में विज्ञान और गणित के बड़े जानकार बने.
उनके प्रकाश विज्ञान और गुरुत्वाकर्षण के आविष्कार ने उन्हें दुनियाभर में ऐसा ख्याति दिलवाई कि विज्ञान के क्षेत्र में आज भी न्यूटन को याद किया जाता है.
आइंस्टीन की तरह न्यूटन भी अपने स्कूल से खुश नहीं थे और उनके ज्यादातर शिक्षक उन्हें मंद बालक समझते थे. आगे चलकर उसी न्यूटन ने साइंस में अपना अमूल्य योगदान दिया और नए सिद्धांतों की खोज करके महान वैज्ञानिक बने.
बिल गेट्स माइक्रोसॉफ्ट के सह संस्थापक तथा अध्यक्ष हैं. इनका जन्म 28 अक्टूबर 1955 को वाशिंगटन में हुआ था.
साल 1975 में बिल गेट्स ने पाल एलन के साथ मिलकर विश्व की सबसे बड़ी साफ्टवेयर कंपनी माइक्रोसॉफ्ट की स्थापना की. गेट्स एक दशक से भी ज्यादा समय तक दुनिया के सबसे अमिर व्यक्ति रहे हैं.
बहुत कम लोग ही जानते होंगे कि साल 1975 में अपना व्यवसाय शुरू करने से पहले गेट्स हॉवर्ड यूनिवर्सिटी से ड्राप-आउट हो चुके थे. इतना ही नहीं माइक्रोसॉफ्ट के पहले उन्हें ट्राफ-ओ-डाटा नामक कंपनी के व्यवसाय में भी असफलता का सामना करना पड़ा था.
इतना सब होने के बावजूद बिल गेट्स अपनी असफलता से हारे नहीं बल्कि हार से आगे जाकर इन्होंने माइक्रोसॉफ्ट के जरिये कंप्यूटर की दुनिया में क्रांति कर दी.
जेके रोलिंग का जन्म 31 जुलाई 1965 को इंग्लैण्ड के येट, ग्लोसेस्टरशायर नामक स्थान पर हुआ था. उनके पिता पीटर जेम्स रोलिंग रॉल्स-रॉयस नामक एक मशहूर कंपनी में इंजीनियर थे.
साल 1982 में रोलिंग ने ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय की प्रवेश-परीक्षा में भाग लिया, लेकिन उन्हें ऑक्सफोर्ड में प्रवेश नहीं मिला और मजबूरन उन्हें फ्रेंच और प्राचीन साहित्य की पढ़ाई के लिए एक्सेटर विश्वविद्यालय में बीए में प्रवेश लेना पड़ा.
30 की उम्र तक आते-आते जेके रोलिंग अपने जीवन से परेशान होकर आत्महत्या जैसे विचारों से घिरने लगी थीं. रोलिंग “हैरी पॉटर ” प्रकाशित होने से पहले बहुत गरीब थीं और एक-एक पैसे के लिए मोहताज थीं.
यही नहीं 31 की उम्र में ‘हैरी पॉटर’ सीरीज में उनकी पहली किताब प्रकाशित हुई, उससे पहले 12 पब्लिशर ने उनकी किताब को छापने से मना कर दिया था. हैरी पॉटर पर लिखे अपने नॉवेल की बदौलत रोलिंग न सिर्फ विश्व की सबसे प्रसिद्ध लेखिकाओं में शुमार हुईं, बल्कि उनकी गिनती विश्व के सर्वाधिक अमीर और प्रभावशाली व्यक्तियों में होने लगी. साल 2016 में उनकी कुल संपत्ति लगभग 1 अरब डॉलर आंकी गई. आज के समय में वो ब्रिटेन की महारानी से भी ज्यादा अमीर हैं.
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