शास्त्रों में युगों के बारे में विस्तारपूर्वक बताया गया है जिसमें द्वापर युग, त्रेता युग, सतयुग और कलयुग का विवरण मिलता है. भागवत पुराण में कलयुग के बारे में विस्तार से सुखदेव जी ने वर्णन किया हुआ है. आज के समय में जो कुछ भी घटित हो रहा है वो सब भागवत पुराण में बताई जा चुकी है. कलयुग में आगे क्या कुछ होना है और कलयुग के अंत होते-होते मनुष्य के हालात कैसे हो जाएंगे इस बारे में काफी विस्तार से भागवत पुराण में बताया गया है.
दोस्तों, हम आपको ये जानकारी दे दें कि युग का अर्थ होता है वर्ष की एक निश्चित समय अवधि या आप उसे काल अवधि भी कह सकते हैं. हर युग की अपनी अलग-अलग खासियतें हैं जिनका जिक्र शास्त्रों में मिलता है. शास्त्रों के जानकारों के अनुसार अभी जो युग चल रहा है वो कलयुग है यानी कि हम कलयुग में जी रहे हैं. ये अभी कलयुग का प्रथम चरण है. लेकिन जैसे-जैसे कलयुग अपने चरणों को पूरा करता जाएगा वैसे-वैसे मनुष्य की जिंदगी पर उसका प्रभाव देखने को मिलेगा.
‘कलयुग’ का कब होगा अंत ?
शास्त्रों में समय अवधि के बारे में भी काफी विस्तार से बताया गया है. हमारे पितरों का एक दिन-रात मनुष्य का 1 महीना होता है. जबकि देवताओं की बात करें तो जब ईश्वर का एक दिन और एक रात होता है तो मनुष्य का 1 साल होता है. इसी प्रकार देवताओं का एक महीना मनुष्य के 30 वर्ष के समान होता है. वहींं देवताओं का एक साल मनुष्य का 360 साल होता है.
शास्त्रों में बताया गया है कि कलयुग 4,32,000 साल का है जिसमें अभी 4,27,000 साल बचे हुए हैं. मतलब ये कि 4,27,000 साल के बाद कलयुग का अंत होना तय है. इसके बाद फिर से सतयुग का आगमन हो जाएगा.
कलयुग के अंत में मनुष्य का कैसा होगा हाल ?
ब्रह्मपुराण में कलियुग की अवधि 4,32,000 साल बताई गई है जिसमें मनुष्य की उम्र 100 साल की रहेगी और लंबाई की बात करें तो मनुष्य कम से कम 5.5 फीट के होंगे. जबकि कलयुग के अंत होने तक मनुष्य जाति का पतन होने लगेगा. लोगों में एक-दूसरे के प्रति द्वेष की भावना बढ़ती चली जाएगी. कलयुग के अंत होते-होते मनुष्य की उम्र मात्र 13 वर्ष की रह जाएगी और मनुष्य की लंबाई सिर्फ 4 इंच की होगी. महिलाएं स्वभाव से काफी कठोर हो जाएगी. केवल धनवान व्यक्ति के पास ही महिलाएं रहेंगी. मनुष्य के स्वभाव की बात करें तो उनका स्वभाव गधों की तरह हो जाएगा.
पृथ्वी पर कब होगा कल्कि अवतार ?
शास्त्रों में कल्कि अवतार के बारे में बताया गया है कि जब कलयुग पर पाप का बोझ बहुत अधिक बढ़ जाएगा तब बुराई का विनाश करने के लिए भगवान विष्णु कल्कि का अवतार लेकर पृथ्वी पर आएंगे. कल्कि अवतार कलयुग में तब होगा जब कलयुग का अंतिम चरण चल रहा होगा.
भगवान विष्णु का ये अवतार 64 कलाओं से परिपूर्ण रहेगा. पुराणों में बताया गया है कि भगवान विष्णु कल्कि के रूप में उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले के संभल नामक स्थान पर अवतार लेंगे. यहां तक कि पुराणों में इस बात का भी जिक्र किया गया है कि भगवान विष्णु एक तपस्वी ब्राह्मण जिनका नाम विष्णुयशा होगा उनके यहां अवतार लेंगे और देवदत्त नाम के घोड़े पर सवार होकर वे पापियों का सर्वनाश करेंगे और फिर से धर्म की स्थापना करेंगे.
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