धरती पर ड्रैगन के अस्तित्व का सच
ड्रैगन अथवा समक्ष नाग क्या होते हैं ? क्या धरती पर ऐसे ड्रैगन या सर्प दैत्य का अस्तित्व है जो आग उगलता है ? इतिहास और मिथक इस प्रश्न का उत्तर हमें देते हैं. लेकिन वर्तमान में तो हमें कोई ड्रैगन या सपक्ष नाग दिखाई नहीं देते फिर वह सब कहां गायब हो गए या ड्रैगन केवल एक काल्पनिक संकल्पना थी, जिसके द्वारा हम दुनिया की अनेक अनुत्तरित घटनाओं को तर्कसम्मत तरीके से समझ सके?
लगभग सभी देशो के मिथकों में ड्रैगन या सपक्ष नाग का उल्लेख मिलता है. यह अलग बात है कि पश्चिमी मिथकों में ड्रैगन का जो विवरण मिलता है, वह पूर्वी देशों के विवरण से बहुत अलग है. अनेक दिलचस्प लोककथाएं इन्ही के इर्द-गिर्द बुनी हुई है.
ड्रैगन पर शोधकर्ताओं का अध्यन और राय
ड्रेगन की घटनाओं को अलग-अलग शोधकर्ता और अध्ययन करता अलग-अलग तरीकों से समझाते हैं. लेकिन इनमें से कोई भी किसी एक ठोस निर्णय पर नहीं पहुंचता देखा जाए तो सभी व्याख्या कमजोर है और किसी वैज्ञानिक सिद्धांत के अभाव में ड्रैगन के मिथक लोक कथाओं और फंतासी ने घेर रखा है या विश्वास किया जाता है कि ड्रैगन वास्तव में किसी वास्तविक जानवर के पूर्वज रहे होंगे.
सन् 1980 में 150 वर्ष की आयु वाले जानवर की खोपड़ी और जबड़े की हड्डियां पाई गई है. जानवर प्लीजयौरसौर था यह करोड़ो वर्ष पहले धरती पर रहने वाले विशालकाय जीव माने जाते थे. यह हड्डियां बेस्टबरी क्षेत्र में पाई गई जबड़े की हड्डी में लगभग 80 दांत थे. इनमें से सबसे बड़ा दांत 8 इंच लंबा था और जबड़े के आकार को देख कर कहा जा सकता है कि वह जीव 30 फुट लंबा रहा होगा.
कुछ अध्ययनकर्ताओं का कहना है कि कुछ सांपों में विशेषकर ब्राजील के अजगर में ड्रैगन जैसे गुण पाए जाते हैं. क्योंकि यह लगभग 25 फुट लंबे तक हो जाते हैं. सन 1978 में एक अजगर ने एक आदमी को लगभग निगल लिया था. गांव वाले उस अजगर को ड्रेगन ही मान रहे थे. उन्होंने उस पर हमला किया लेकिन अजगर के साथ साथ वह आदमी भी मर गया.
इंडो मलाया क्षेत्र में एक प्रकार की पूर्ण छिपकली पाई जाती है जिसे लोग ड्रेको के नाम से पुकारते हैं. एक अन्य आश्चर्यजनक रूप से बड़ी छिपकली का नाम कोमोडो ड्रैगन है, ड्रेको के विपरीत है. यह छिपकली 12 फुट लंबी हो सकती है. इसका शरीर लंबा होते और मछली की खाल वाला होता है. कोमोडो ड्रैगन के सिर और पैर बहुत भद्दे और बदसूरत होते हैं, लेकिन यह उड़ नहीं सकता. उड़न छिपकली ड्रेको केवल 6 इंच लंबी होती है उसमें यह ड्रैगननुमा नहीं होते. भले यह देखने में छोटा लगे लेकिन इन्होंने भी ड्रैगन की कथा जीवित रखने में अपना योगदान दिया है.
ड्रैगन और मगरमच्छ सांप छिपकली घड़ियाल आदि में अनेक समानताएं मिलती है. क्योंकि यह सभी एक परिवार के सदस्य हैं. लेकिन यह भी इन्हें ड्रैगन की कपोल कथाओं का स्रोत बना देने के लिए पर्याप्त नहीं है. ड्रैगन की मिथ्या का स्रोत तलाशना अत्यंत ही कठिन है.
प्राचीन कथाओं में ड्रैगन का उल्लेख
सर ग्राफटन इलियट ने दुनिया-भर के ड्रैगन की दंतकथाएं एकत्रित की है. इनसे वह एक निर्णय पर पहुंचे हैं कि ड्रैगन नदियों और सागरों पर नियंत्रण रखता है या बादलों में रहता है और अक्सर बिजली कड़कने बादल गरजने या अन्य प्राकृतिक आपदाओं के लिए जिम्मेदार होता है. संक्षेप में ड्रैगन पृथ्वी की शक्तियों पर नियंत्रण रखता है. प्राचीन कला में भी ड्रैगन के चित्र मिलते हैं.
पुराने जमाने की कला वास्तुकला और लकड़ी के फर्नीचर में भी इन्हें दैत्याकार सर्पो के रूप में दिखाया गया है. विभिन्न देशों के मिथकों में ड्रैगन की दंतकथाएं मिलती है. कुछ देशों में आज भी यह विश्वास है कि दुनिया ड्रैगन के सिर पर टिकी है जब ड्रैगन अपना सिर हिलाता है तो प्राकृतिक विपदाएं आती है.
पूर्व का ड्रैगन पश्चिम की ड्रैगन से बहुत भिन्न है. पूर्व का ड्रैगन बहुत ही लाभकारी जीव हैं शक्ति का घोतक बन गया. यहां तक कि चीन का बादशाह ड्रैगन की आकृति के सिंहासन पर बैठा था. वैसे वस्त्र धारण करता था जिन पर ड्रैगन बने हुए होते थे. ड्रैगन वर्षों से मनुष्य के मनोग्रहों को दर्शाता रहा है इसलिए यह कहा जा सकता है ड्रैगन न केवल प्राचीन ब्लकि बहुत बलशाली है. इसलिए ड्रैगन की मिथ पूरे प्रबलता के साथ जीवित है.
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