पाकिस्तान के परमाणु हथियारों पर आतंकी खतरा मंडरा रहा है. फेडरेशन ऑफ अमेरिकन साइंटिस्ट (FAS) की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान ने अपने परमाणु हथियारों को देश की 9 अलग-अलग जगहों पर छिपा रखा है, जिन पर आतंकियों द्वारा चोरी का खतरा मंडरा रहा है. हालांकि, पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी ने सभी परमाणु हथियारों के सुरक्षित होने का दावा किया है.
प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी ने क्या कहा?
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी ने बीते हफ्ते भारत के ‘कोल्ड स्टार्ट’ सिद्धांत को लेकर बड़ा बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि भारत के ‘कोल्ड स्टार्ट’ का सामना करने के लिए उनका मुल्क तैयार है. भारतीय सेना का सामना करने के लिए पाकिस्तान के पास कम रेंज के परमाणु हथियार हैं. पाकिस्तानी प्रधानमंत्री का कहना है कि परमाणु हथियार पूरी तरह से सुरक्षित हैं.
उन्होंने कहा था कि इन हथियारों से पाकिस्तान भारत के ‘कोल्ड स्टार्ट’ के साथ-साथ उसके हर कदम का जवाब देने के लिए तैयार है. बता दें कि ‘कोल्ड स्टार्ट’ वे सिद्धांत है, जो भारत पाकिस्तान के साथ युद्ध की आशंका को देखते हुए अपना रही है.
परमाणु हथियार एक्सपर्ट हेंस क्रिसटेंसन ने क्या कहा?
अमेरिका के जाने-माने परमाणु हथियार एक्सपर्ट और इस रिपोर्ट के सह-लेखक हेंस क्रिसटेंसन ने कहा, ‘पाकिस्तान के ये हथियार परमाणु मुखास्त्र बेस के पास रखे गए हैं. ये बेस परमाणु हथियार लॉन्च करने में सक्षम हैं.’ रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान, भारत का सामना करने के लिए कम रेंज के उप-रणनीतिक परमाणु हथियारों का बेस तैयार कर रहा है. इन हथियारों को पहले क्षेत्रीय स्टोरेज में भेजा जाएगा, जिसे असेंबल करके स्टोरेज बेस में भेजा जाएगा.
क्रिस्टेंसन ने कहा, ‘पहले जंग में कम रेंज के हथियार इस्तेमाल किए जाते थे. भारत से युद्ध की आशंका के संदर्भ में पाकिस्तान को ऐसे हथियार शुरुआत में ही भेजने होंगे. ऐसा करने से संकट बढ़ जाएगा’.
एफएएस की रिपोर्ट क्या कहती है?
एफएएस की रिपोर्ट के मुताबिक, इस्लामाबाद गुणात्मक और मात्रात्मक तरीके से अपनी परमाणु शक्तियां बड़ी तेजी से बढ़ा रहा है. इन्हें बड़े खुफिया तरीके से स्टोर किया जा रहा, ऐसे में इन हथियारों के लोकेशन के बारे में पता लगाना उतना आसान नहीं है.
बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने बीते दिनों कहा था कि अमेरिका मौजूदा वक्त में सामरिक परमाणु हथियार विकसित करने से चिंतित हैं. इन्हें खासतौर पर युद्ध के लिए तैयार किया जा रहा है.
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