ब्रिटिश साइंटिस्ट स्टीफन हॉकिंग का बुधवार को 76 साल की उम्र में निधन हो गया। हॉकिंग का जन्म 8 जनवरी 1942 को ऑक्सफोर्ड (ब्रिटेन) में हुआ था। 1963 में हॉकिंग को मोटर न्यूरॉन बीमारी का पता चला। 55 साल से मोटर न्यूरॉन बीमारी से पीड़ित थे। इस बीमारी का पता चलने वाला जनरली मरीज 3 से 10 साल तक ही जी पता है लेकिन हॉकिंग ने इस लाइलाज बीमारी में 55 साल गुजार दिए।
क्या होती है मोटर न्यूरॉन डिसीज
इस बीमारी में रीढ़ की हड्डी की नर्व और दिमाग दोनों काम करना बंद कर देते हैं। इसमें शरीर की नसों पर लगातार हमला होता है और शरीर के अंग धीरे-धीरे काम करना बंद कर देते हैं और व्यक्ति चल-फिर पाने की स्थिति में भी नहीं रह जाता है। मोटर न्यूरॉन नर्व सेल होती है जो मसल्स को इलेक्ट्रिकल सिंगल भेजती हैं। जिससे मसल्स काम करती है और हमारी वॉडी में मूवमेंट होता है।
यह बीमारी किसी भी ऐज में हो सकती है। लेकिन इसके ज्यादातर मरीज 40 साल के ऊपर के होते हैं। महिलाअों से ज्यादा ये बीमारी पुरुषों में होती है। इसे MND ( Motor Neuron Diseses) कहते हैं। इस बीमारी का ही एक रूप है ALS (Amyotrophic Lateral Sclerosis) है। जिससे हर साल करीब 5000 अमेरिकन पीड़ित होते हैं।
ये बीमारी आसानी से पकड़ में नहीं आती है। क्योंकि साइन और सिम्टम दूसरी बीमारियों से भी मिलते हैं। सबसे प्रमुख बात इस बीमारी का कोई इलाज नहीं है। सामान्यत: इस बीमारी के मरीज बीमारी का पता लगने के बाद 5 साल से ज्यादा नहीं जी पाते लेकिन कुछ 10 साल से ज्यादा जीते हैं। सिम्टम दिखते ही डॉक्टर से कंसल्ट करना चाहिए। सिम्प्टम इस बात पर भी डिपेंड करते हैं कि आपकी बॉडी का कौन सा एरिया इस बीमारी से अफेक्ट होता है।
इस बीमारी के सिम्टम धीरे- धीरे डेवलप होते हैं।
हाथों की ग्रिप कमजोर पड़ना।
चीजें होल्ड करने और उठाने में मुश्किल होना।
मसल्स में पेन और क्रेम्प होना। लगातार आंख फड़कना। हाथों और पेरों में वीकनेस फील होना।
चबाने और निगलने में मुश्किल होना। सांस लेने में तकलीफ होना। बोलने में शब्द लड़खड़ाना। बॉडी के किसी पार्ट का आकार बिगड़ जाना।
इन वजहों से होती है ये बीमारी
नेशनल इंस्ट्टीयूट ऑफ न्यूरोलॉजी डिसीज एंड स्ट्रोक NINDS के मुताबिक ये बीमारी जेनेटिकली होती है। इसके साथ ही वायरल और एनवायरमेंटल ईशू भी इसके लिए जिम्मेदार होते हैं। किसी को ये बीमारी अचानक से भी हो जाती है।
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