आइंस्टाइन के बाद सबसे ज्यादा जाने-माने साइंटिस्ट और अंतरिक्ष विज्ञानी स्टीफन हाकिंग लगातार एलियंस से संपर्क बनाने की कोशिश कर रहे थे। वो पिछले कुछ सालों से ऐसे प्रोजेक्ट पर भी काम कर रहे थे, जिससे धरती का संपर्क आकाशगंगा या सौरमंडल के अन्य ग्रहों पर रहने वालों से हो सके। इसके लिए वे कुछ फ्रीक्वेंसी अंतरिक्ष में छोड़ रहे थे जो इन ग्रहों से टकरातीं।
क्या पता चला…
ब्रम्हांड के रहस्य जानने के लिए अमेरिका सहित कई जगहों पर बड़ी बड़ी टेलीस्कोप और फ्रेक्वेंसी भेजने के लिए डिवाइस तैयार की गईं। इनसे स्टीफंस ने लगातार ब्रम्हांड में सिग्नल भेजे। 100 मिलियन डॉलर के इस प्रोजेक्ट में स्टीफंस के साथ लगे वैज्ञानिकों ने दावा भी किया था कि उन्होंने बाहरी दुनिया से आ रहे कुछ संकेतों को पकड़ा है।
एलियंस का है अस्तित्व
– कई बार सौरमंडल में हजारों करोड़ किलोमीटर की दूरी पर सिग्नल टकराने से स्टीफन को ये आशंका थी कि हम अकेले नहीं हैं। हालांकि उनके इस बात की जमकर आलोचना हुई क्योंकि उनके आलोचक इसे खतरनाक बताते थे। उनका कहना था कि ऐसा करने से हम एलियंस को आमंत्रित कर खुद आफत बुलाएंगे।
सन् 2100 तक मुश्किल में पड़ जाएगी धरती
इन एक्सपेरिमेंट्स के आधार पर स्टीफन का मानना था कि सन् 2100 के खत्म होते- होते धरती पर मानव प्रजाति के सामने कई दिक्कतें आने लगेंगी। धरती पर जीवन मुश्किल हो जाएगा। लिहाजा हमें दूसरे ग्रहों पर मानव कॉलोनियां बनाने के काम में जुट जाना चाहिए।
पहले लोगों ने उड़ाया था मजाक
स्टीफंस पिछले कुछ साल से लगातार अपने भाषणों में ये हिदायत देते रहे थे। वो बार बार कहते थे कि सैकड़ों सालों में मनुष्य और धरती पर रहने वाली दूसरे जीव-जंतुओं की प्रजातियां तभी बची रह सकती हैं जबकि हम अन्य अनुकूल ग्रहों पर डेरा बसाएं। जब उन्होंने पहली बार ये बात कही तो उनका जमकर मजाक भी उड़ा लेकिन फिर धीरे धीरे दुनिया उनकी बातों से सहमत होने लगी.।
सच हो रहा है उनका कहा
स्टीफन ने कई साल पहले जो वजहें गिनाईं थीं, वो अब सच हो रही हैं. माना जा रहा है कि अगले 50 सालों बाद धरती का तापमान इतना बढ़ जाएगा कि यहां रहना मुश्किल होता जाएगा। वर्ष 2100 तक आते-आते कृषि को बचाकर रख पाना मुश्किल हो जाएगा। धरती से पानी का लोप होने लगेगा. ऐसी स्थिति में हमें वैकल्पिक साधनों की ओर देखना होगा।
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