फिल्मों और कहानियो में राजाओं महाराजाओं के रहन-सहन खान-पान जैसी विलासिता के किस्से कहानी तो आपने सूना या देखा ही होगा. मगर क्या आप जानते दुनिया भर में ऐसी रेलगाड़ी के बारे में जो आज भी राजाओं महाराजाओं के रहन-सहन खान-पान जैसी सुविधा मुहैया कराने के साथ उनसभी सभी पर्यटन स्थलों का भ्रमण कराती जो काफी लोकप्रिय है. आज हम उन्ही कुछ लग्जरी रेलगाड़ियों के बारे में आपको बताएंगे.
महाराज एक्सप्रेस
जैसा की नाम से ही आभास होता है. इस ट्रेन का सिर्फ नाम ही महाराज एक्सप्रेस नहीं इसमें मिलने वाली हर सुख सुविधा महाराजाओं कम नहीं. यह ट्रेन भारतीय रेलवे की शान मानी जाती है. फाइव स्टार होटल जैसी फैसिलिटीज से लैस इस ट्रेन को दुनिया की सबसे लग्जरी ट्रेनों में गिना जाता है. जिसे 2010 से भारतीय रेल द्वारा चलाया गया. जो इंडियन रेलवे कैटरिंग एण्ड टूरिज़म कॉर्पोरेशन द्वारा संयुक्त रूप से परिचालित की जाती है.
बाहर से यह ट्रेन जरूर आम ट्रेन की तरह नजर आती है, लेकिन जब आप इसके अन्दर का नजारा देखेंगे तो हैरान हो जाएंगे. इसका इंटीरियर महल का अनुभव कराता है.
इस शाही ट्रेन में 23 कोच है. जिसमें आपको सैलून, स्पा, रेस्टोरेंट, बार से लेकर हर तरह की लग्जरी सुविधाएं होती हैं. इस ट्रेन में एक बार में 104 यात्रियों को सफर कराया जाता है. सात दिन तक आप इस ट्रेन में राजसी आनंद उठा सकते हैं.
यह ट्रेन दिल्ली के सफदरजंग रेलवे स्टेशन से चलती है और जयपुर, सवाई माधोपुर, चित्तौड़गढ़, उदयपुर, जैसलमेर, जोधपुर, भरतपुर और आगरा होते हुए 7 दिन बाद फिर दिल्ली वापस पहुंचती है. महलों जैसा फील देने वाली इस ट्रेन के केबिनों के नाम भी महलों के नाम पर रखे गए हैं. हवा महल, पद्मिनी महल, किशोरी महल, शीश महल, फूल महल और सुपर डीलक्स कोच ताज महल आदि इसके केबिनों के नाम हैं. इन डिब्बों में यात्रा करने वाले लोगों को वाई-फाई, सैटेलाइट टीवी, म्यूजिक सिस्टम जैसी सुविधाएं भी मिलती है.
सबसे ख़ास तो इसका शीश महल केबिन है. जिसके बारे में कहा जाता है कि इसका पूरा इंटीरियर कांच से बना हुआ है.
खाने के मामले में भी इस ट्रेन का कोई जवाब नहीं. यहां आपको भारतीय ही नहीं, बल्कि यूरोपियन, चायनीज, कॉन्टिनेंटल फ़ूड परोसा जाता है.
गोल्डन ईगल
यह ट्रेन रूस, पूर्वी यूरोप मध्य एशिया और ईरान के इलाकों में मई से सितंबर महीने में चलती है. जो मॉस्को और व्लादिवोस्तोक के बीच प्रसिद्ध ट्रांस-साइबेरियन मार्ग को और साथ ही रेशम रोड, रूस के आर्कटिक, ईरान और कैस्पियन क्षेत्र के विशेष पर्यटन स्थलों तक जाती है.
वेनिस सिम्पलोन-ओरिएंट एक्सप्रेस (वीएसओई)
यूरोप महाद्वीप में पेरिस और इस्तांबुल के बीच मार्च से नवंबर महीने में चलने वाली वीएसओई ट्रेन दुनिया की सबसे प्रामाणिक लक्जरी ट्रेन है. ट्रेन में 190 यात्रियों की क्षमता है लेकिन विशेष यात्राओं पर ट्रेन की क्षमता लगभग 100 मेहमान को ही शामिल किया जाता है.
रोवोस रेल
अफ्रीकी देशों में पूरे साल चलने वाली रोवोस रेल प्रिटोरिया, केप टाउन, डरबन, विक्टोरिया फॉल्स, दार एस सलाम (तंजानिया), स्वाकोपमुंड (नामीबिया) चलती है. जो इन इलाकों के सौंदर्य का अनुभव कराती है.
रॉकी माउन्टेनर
नार्थ अमेरिका की सबसे लग्जरी ट्रेन है. जो कनाडा के वैंकूवर कैलगरी, वैंकूवर और जैस्पर, सिएटल , जैस्पर इलाके में अप्रैल से अक्टूबर महीने में चलती है.
रॉयल स्कॉट्समैन
ये लग्जरी ट्रेन स्कॉटलैंड के लंदन, एडिनबर्ग, कीथ, डंडी, ग्लासगो, पर्थ, कैम्ब्रिज, न्यूयॉर्क, स्कारबोरो, कैंब्रिज, ऑक्सफोर्ड, स्नान, चेस्टर के लिए अप्रैल से अक्टूबर महीने चलती है.
ईस्टन और ओरिएंटल एक्सप्रेस
दक्षिण – पूर्व एशिया के बैंकॉक, रिवर क्वाई, पेनांग, सिंगापुर, चियांग माई, कुआलालंपुर, कैमरून हाइलैंड्स,वांग पो, ट्रांग इलाको में मई से दिसंबर महीने में चलायी जाती है.
पैलेस ऑन वील (डेक्कन ओडिसी)
यह दुनिया की सबसे लग्जरी ट्रेन है जो भारत के महाराष्ट्र राज्य और भारतीय रेलवे के आपसी सहयोग से पर्यटनों के लिए परिचालित की जाती है. जिसमे महाराष्ट्र स्प्लेंडर मुंबई से गोवा के बीच नासिक, अजंता-एलोरा गुफा, कोल्हापुर, सिंधुदुर्ग से वापस होती है. जिसका सफर ८ दिन और ७ रातों का होता है.
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