उस वक्त के उन चुनिंदा बल्लेबाजों में से एक जिनके सामने बॉलर इसलिए गेंद नहीं डालना चाहते थे क्योंकि वो घंटों क्रीज पर टिका रहता था. पाकिस्तान के मोहम्मद हनीफ के साथ ओपनिंग करने वाले नज़र मोहम्मद ने अपने मुल्क के लिए पहली टेस्ट गेंद खेली थी. साथ ही पाकिस्तान के लिए पहली टेस्ट सेंचुरी मारने वाला बल्लेबाज भी नज़र मोहम्मद ही है. 5 मार्च 1921 को उस वक्त के पंजाब प्रोविंस के लाहौर में पैदा हुए इस बल्लेबाज ने 13 साल हिंदुस्तान में घरेलू क्रिकेट खेला था. जब दो मुल्कों का बंटवारा हुआ तो वो पाकिस्तान की टीम में खेलने का मौका मिला.
नजर मोहम्मद ने 45 फर्स्ट क्लास मैच खेले जिनमें 8 शतक मारे थे. फिर जब पाकिस्तान की टीम को टेस्ट टीम का स्टेटस मिल गया तो साल 1952-53 में पहला दौरा हिंदु्स्तान का किया. फिरोजशाह कोटला मैदान पर नज़र ने पाकिस्तान के लिए पहली गेंद फेस की थी. उस मैच में इस बल्लेबाज ने 27 रन मारे थे. अगली पारी में सिर्फ 7 रन पर वीनू मांकड़ ने बोल्ड मार दिया था. अगला मैच लखनऊ में था और यहां इंडिया को 106 पर ऑलआउट करने के बाद जब पाकिस्तान बैटिंग करने आया तो नज़र मोहम्मद 515 मिनट तक क्रीज पर डटे रहे. इस दौरान 124 रनों की पारी खेली, वो भी नाबाद. ये किसी भी पाकिस्तानी बल्लेबाज का पहला टेस्ट शतक था. इंडिया ये मैच हार गई थी.
अभी अपने करियर के 5 ही टेस्ट मैच खेले थे. वो भी सारे हिंदुस्तान के खिलाफ. उसमें अच्छा प्रदर्शन भी रहा. करीब 40 की औसत से 277 रन मारे थे. पाकिस्तान में वो स्टार बन गए थे. मगर इसी बीच एक खबर आई कि नज़र का हाथ टूट गया है. मगर इससे भी दिलचस्प ये हाथ टूटने का किस्सा है. हुआ यूं कि इस क्रिकेटर का उस ज़माने की मशहूर अदाकारा और गायिका नूर जहां से अफेयर था. नूर जहां कराची में बस गईं थी और उनकी फिल्में चन्ना वे और दुप्पटा काफी पॉपुलर हुईं थी.
कहा जाता है कि नज़र मोहम्मद और नूर जहां एक होटल कमरे में रुके हुए थे, इस बात की खबर उनके पति शौकत हुसैन रिज़वी को लग गई और वो पिस्तौल लेकर उस कमरे में घुस आए. ये देखकर नजर मोहम्मद कमरे की खिड़की से नीचे कूद गए जिससे उनकी बाएं बाजू टूट गई. इनका क्रिकेट करियर खत्म हो गया, उधर नूर जहां का तलाक़ हो गया. उसी साल फिल्म अनारकली आई थी.
आगे चलकर नजर मोहम्मद ने पाकिस्तान टीम के कोच और नेशनल सेलेक्टर की भूमिका भी निभाई. बतौर क्रिकेट कमेंटेटर भी इनका काफी नाम हुआ. क्रिकेट की किस्सागोई के लिए नज़र मोहम्मद को खूब सराहा गया. दो बेटे भी हुए- मुबश्शिर और मुदस्सर. दोनों क्रिकेटर बने. मुबश्शिर ने घरेलू क्रिकेट खेला, वहीं मुदस्सर ने पाकिस्तान नेशनल टीम में जगह बनाई. इंडिया के खिलाफ जनवरी 1983 में लाहौर के गद्दाफी स्टेडियम में 152 रनों की नाबाद पारी खेलने के लिए मुदस्सर को याद किया जाता है. अपने करियर में इस क्रिकेटर ने 76 टेस्ट मैच और 122 वनडे मैच खेले.
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