इस दुनिया में अनेकों ऐसे रहस्य हैं, जो की वैज्ञानिकों, विद्वानों की लाख कोशिशों के बावजूद भी आज तक अनसुलझे हैं। जैसे की फैस्टोस डिस्क की रहस्यमयी कहानी का क्या राज है? लंदन के उस 18वीं सदी के स्मारक के पीछे की सच्चाई क्या है? क्रिप्टोज, तमम शेड, 30 करोड़ साल पुराना लोहे का पेंच समेत दुनिया में ऐसे कई रहस्य हैं, जिनसे अब तक पर्दा नहीं उठ पाया है।
इन अबूझ रहस्यों पर लंबे अरसे से चर्चा होती रही है, लेकिन ये अब तक हल नहीं हो पाए हैं। हम आपको इस लेख में दुनिया के पांच ऐसे ही अनसुलझे रहस्यों के बारे में बताने जा रहे हैं, जो आज तक सुलझ नहीं सके हैं-
वाउ सिग्नल (Wow Signal)
1977 में गर्मी के दिनों की बात है। सर्च फॉर एक्सट्राटेरेस्ट्रियल इंटेलिजेंस (एसईटीआइ) के वॉलेंटियर जेरी एहमन ऐसे पहले शख्स बने, जिन्हें दूसरी दुनिया यानी एलियन की ओर से जानबूझकर भेजा गया संदेश प्राप्त हुआ। एहमन तब अंतरिक्ष की गहराइयों से आ रहे रेडियो सिग्नल्स को स्कैन कर रहे थे। उन्हें ये सिग्नल 72 सेकंड तक प्राप्त हुए। उन्होंने जब मेजरमेंट स्पाइक देखा, तो उन्हें लगा कि ये किसी विद्वान एलियन की ओर से भेजा गया संदेश था।
जब मामले की गहराई में छानबीन की गई, तो पता चला की सिग्नल अंतरिक्ष के ताउ सैगिटैरी तारे के पास से आई थी। बता दें कि ये तारा 120 प्रकाश वर्ष की दूरी पर स्थित है, जहां दूर-दूर तक किसी भी मानव के होने की गुंजाइश नहीं है। एहमन ने सिग्नल के प्रिंट आउट पर वाउ लिख दिया, तब से ही इसे वाउ सिग्नल कहा जाने लगा। हालांकि, इस तरह के सिग्नल कभी दोबारा नहीं मिले।
रोंगोरोन्गो (Rongorongo)
रोंगोरोन्गो एक रहस्यमयी ग्लिफ्स की प्रणाली है, जो ईस्टर द्वीप स्थित विभिन्न कलाकृतियों पर लिखी हुई है। कई लोगों का मानना है कि ये किसी जमाने में भाषा हुआ करती थी, जिसका प्राचीन मानव लिखने में इस्तेमाल किया करते होंगे। हालांकि, ये अब भी एक अनसुलझी पहेली बनी हुई है। कोई भी यह जान नहीं पाया कि आखिर उन कलाकृतियों पर लिखी चीजों का मतलब क्या है?
बुर्काधारी औरत (The Babushka Lady)
यह मिस्ट्री जुड़ी है अमेरिकी राष्ट्रपति जॉन एफ कैनेडी की हत्या से। जब एफबीआइ जॉन एफ कैनेडी की हत्या के सिलसिले में एक वीडियो देख रही थी तो उन्हें वीडियो में एक महिला नज़र आई, जिसने अपने सर पर कपडा बांध रखा था तथा वो कैमरे से वीडियो शट कर रही थी। वो वहां पर काफी समय तक रहती है, यहां तक की सब लोगों के चले जाने के बाद भी। आखिर में वो एक गली में चल जाती है।
एफबीआइ ने जब उस महिला का पता लगाने की कोशिश की तो वो उसका पता नहीं लगा पाए। आखिर में हार कर उन्होंने उस महिला से अपील की, कि वो उसके द्वारा शूट वीडियो उन तक पहुंचा दे ताकि केस में कुछ सहायता मिल सके। पर उस महिला ने ऐसा भी नहीं किया और आज तक भी उस बुर्काधारी महिला का पता नहीं लग पाया है कि आखिर वो कौन थी और उसने क्या वीडियो शूट किया था। यह केस एफबीआइ की बड़ी विफलताओं में से एक है।
मैक्सिको का टियाटिहुआकन शहर (Teotihuacan City of Mexico)
मैक्सिको सिटी (Mexico city) के ठीक बाहरी इलाके में टियाटिहुआकन स्थित है। यह पिरमिडों की एक खंडहर सिटी है। इस जगह का मूल नाम टियाटिहुआकन नहीं है। इसकी खोज एजटेक्स ने की थी और उसी ने यह नाम इस जगह को दिया था। दरअसल, टियाटिहुआकन का अर्थ होता है “प्लेस ऑफ द गॉड”(Palce of God)। एजटेक्स का मानना था कि यह शहर मध्ययुग में अचानक प्रकट हुआ। 500 वर्ष पहले यह जगह खंडहर में बदल गई है।
हालांकि इसके अस्तित्व को लेकर कोई भी अन्य अवधारणा प्रचलित नहीं है, क्योंकि लिखित में भी इसके बारे में कुछ भी उपलब्ध नहीं है। फिर भी यह स्ट्रक्चर आज भी रहस्य बना हुआ है। इस बस्ती को देखकर अनुमान लगाया जा सकता है कि यहां 25000 लोग रहते रहे होंगे। इसका निर्माण अर्बन ग्रिड सिस्टम की तरह हुआ है, जिस तरह न्यूयार्क का हुआ है। यहां एक पिरामिड के अंदर जितनी भी हड्डियां मिली हैं, उससे पता चलता है कि बड़ी संख्या में यहां इंसानों का बलिदान हुआ होगा।
30 करोड़ साल पुराना लोहे का पेंच (30 Million old Screw)
1998 में रूसी वैज्ञानिक दक्षिण-पश्चिम मॉस्को से करीब 300 किलोमीटर दूर एक उल्का के अवशेष की जांच कर रहे थे। इस दौरान उन्हें एक पत्थर का टुकड़ा मिला, जिसमें लोहे का पेंच संलग्न था। भूवैज्ञानिकों के मुताबिक, ये पत्थर 300 मिलियन (30 करोड़) साल पुराना है। तब न तो कोई प्रबुद्ध प्रजाति हुआ करती थी और न ही धरती पर डायनासोर हुआ करते थे। पत्थर के बीच लोहे का पेंच साफ दिखाई पड़ता है। इसकी लंबाई एक सेंटीमीटर और व्यास तीन मिलीमीटर है।
RSS