क्या महाभारत की कथा सच्ची है? क्या सच में बना था लाख का महल, ये हकीकत थी या फिर कोई कहानी, अब इस रहस्य का पर्दा उठाने की शुरुआत हो चुकी है. यूपी के बागपत को महाभारत कालीन भूमि कहा जाता है. इसी जिले के बरनावा इलाके में बने एक टीले को महाभारत के समय का लाक्षागृह बताया जाता है. यहां एक सुरंग भी है, जिसे महाभारत के समय का प्रमाण बताया जाता है. जिसकी जांच के लिए पुरात्व विभाग ने यहां खोदाई शुरू किया है. तो चलिए जानते है लाक्षागृह के बारे में….!
दुर्योधन ने पांडवों की हत्या के लिए लाक्षागृह किया था निर्माण
लाक्षागृह एक भवन था जिसे दुर्योधन ने पांडवों के विरुद्ध एक षड्यंत्र के तहत उनके ठहरने के लिए बनाया था. इसे लाख से निर्मित किया गया था ताकि पांडव जब इस घर में रहने आएं तो चुपके से इसमें आग लगा कर उन्हें मारा जा सके. यह वार्णावत (वर्तमान बरनावा) नामक स्थान में बनाया गया था.
बताया जा रहा है कि इस टीले की खुदाई से महाभारतकालीन और रामायणकालीन के कई नए रहस्यों को उजागर किया जा सकेगा, क्योंकि इतिहासकारों का मानना है कि यहां पर पांडवों की हत्या की साजिश दुर्योधन ने रची थी, लेकिन विदुर के आगे उनकी योजना धरी रह गयी. विदुर ने पांडवों को सुरक्षित निकाला था. यह टीला वही लाक्षागृह है जहां पांडवों को जलाने का प्रयास किया गया था. अब इस टीले पर खोदाई और अध्ययन शुरू किया गया है और इसके रहस्य से पर्दा उठाया जायेगा.
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