आपने स्टार वार्स जैसी साइंस फिक्शन और हथियारों से दुनिया को नेस्तनाबूद करने वाली फ़िल्में देखी होंगी. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने गुरुवार को मॉस्को में रूसी हथियारों का नमूना पेश किया जो उनके पास “मौजूद हैं और बेहतरीन काम करते हैं.”रूस की संसद में अपने वार्षिक संबोधन में राष्ट्रपति पुतिन ने न सिर्फ देश की स्थिति, राष्ट्र के सामने चुनौतियां और विदेश नीति पर बात की बल्कि ताक़तवर हथियारों का प्रदर्शन भी किया.
उन्होंने प्रदर्शित हथियारों को “कभी न हारने वाला” बताया. उनके हथियारों के ज़ख़ीरे में एक द्वीप से दूसरे द्वीप मार करने वाली मिसाइल से लेकर हाइपरसोनिक रॉकेट और लेजर बीम वाले हथियार भी शामिल हैं.राष्ट्रपति पुतिन के मुताबिक ये हथियार “अमरीका के रक्षा संधि के उल्लंघन के जवाब” में बनाए गए हैं.उन्होंने कहा, “पहले हमलोगों के पास नए हथियार थे, पर हमारी कोई सुनता नहीं था, तो अब हमारी सुनें.”उन्होंने हथियारों के ज़खीरे से केवल छह का ही प्रदर्शन किया और कहा कि हथियारों की सूची लंबी है.
अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि अभी तक “दुनिया में ऐसा हथियार किसी के पास नहीं है” और यह “बेहतरीन” है.उनके इस बयान ने कइयों को शीत युद्ध के सबसे विवादस्पद समय की याद दिलाई.हालांकि ये हथियार वास्तव में रूस से पास हैं या नहीं, इसके प्रमाण प्रस्तुत नहीं किए गए और न ही किसी स्वतंत्र एजेंसी ने इसकी पुष्टि की है.
अमरीका को आश्चर्य नहीं
अमरीका के रक्षा मंत्रालय मुख्यालय ने रूस के इस प्रदर्शन पर आश्चर्य व्यक्त नहीं किया है. मंत्रालय ने हाल ही में नई परमाणु नीति की घोषणा की थी.मंत्रालय के प्रवक्ता डाना व्हाइट ने पत्रकारों से कहा, “हमलोग रूस पर लंबे समय से नज़र रख रहे हैं. जिन हथियारों के बारे में बात की गई है, उनपर लंबे वक्त से काम चल रहा है. हमलोग आश्चर्य में नहीं है.”
हालांकि डाना ने ताक़तवर हथियारों के पुतिन के तर्कों पर प्रतिक्रिया नहीं दीं.गृह मंत्रालय के अनुसार मॉस्को ने 1987 में हुई अंतर्राष्ट्रीय समझौते का उल्लंघन किया है जिसके मुताबिक अमरीका और सोवियत संघ को 500 से पांच हज़ार किलोमीटर तक की मार करने वाले परमाणु हथियार को नष्ट करना था.उत्तरी अमरीका और यूरोप के 29 स्वतंत्र देशों के समूह नाटो ने इस पर कुछ भी कहने से मना कर दिया है.
आख़िर ये छह ताक़तवर हथियार कौन से हैं और इसके बारे में अब तक क्या मालूम है?
1. सरमटः एक द्वीप से दूसरे द्वीप तक मार करने वाली ताक़तवर मिसाइल
इसे साटन 2 के नाम से भी जानते हैं. पुतिन ने आश्वासन दिया कि इस नई मिसाइल प्रणाली का परीक्षण “एक नए दौर में प्रवेश कर चुकी है.”
बीबीसी के अंतर्राष्ट्रीय मामलों के संवाददाता रिचर्ड गलपीन के मुताबिक सरमट को सोवियत युग के वोयेवोडा मिसाइल की जगह प्रस्तुत किया गया है, जिसकी ताक़त कहीं अधिक है.
यह कम समय में मार करने में सक्षम है, जिसे मिसाइल रक्षा प्रणाली के तहत रोकना काफी मुश्किल है. रिचर्ड गलपीन कहते हैं कि इसकी तकनीक के कारण इसे भविष्य में रोकना भी मुश्किल होगा.
2. असीमित रेंज वाली क्रूज मिसाइल
इसका नाम फिलहाल तय नहीं है. राष्ट्रपति पुतिन के मुताबिक यह एक नए तरह की रणनीतिक मिसाइल है, जो लक्ष्य भेदने के लिए बैलिस्टिक मिसाइल की तरह नहीं मार करती है.
यही कारण है कि इसे मिसाइल रक्षा प्रणाली से रोकना मुश्किल है. राष्ट्रपति पुतिन के मुताबिक यह असीमित दूरी तक मार सकती है.
3. पानी के नीचे से स्वतः मार करने वाली परमाणु मिसाइल
इसका नाम भी अभी तक रूस ने तय नहीं किया है. इससे समुद्र के अंदर निशाना लगाया जा सकता है.
यह मिसाइल मानव रहित है. राष्ट्रपति पुतिन ने कहा, “रूस ने पानी के अंदर से मार करने वाली मिसाइल बना ली है. यह मानव रहित मिसाइल है.”
वो आगे कहते हैं कि यह पनडुब्बी से कहीं ज़्यादा तेज़ और शक्तिशाली है.
4. किंझलः हवा से मार करने वाली हाइपरसोनिक मिसाइल
राष्ट्रपति पुतिन ने रूस के हाइपरसोनिक हथियार को किंझल नाम दिया है.
उनके मुताबिक यह हवा में लॉन्च की जा सकती है और अधिक सटीक अंदाज़ में निशाना साध सकती है. इसकी गति के कारण इसे भेदना मुश्किल है.
उन्होंने इसे दो हज़ार किलोमीटर से अधिक दूरी तक निशाना साधने में सक्षम बताया है.
5. एवनगार्डः कई तरह से मार करने वाली हाइपरसोनिक मिसाइल
राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन के मुताबिक यह “एक नए प्रकार का हथियार” है, जिसका परीक्षण “सफल” रहा है.
उनके मुताबिक इसकी 25 हज़ार किलोमीटर प्रतिघंटे की है, जो एक द्वीप से दूसरे द्वीप आसानी से मार कर सकती है.
राष्ट्रपति पुतिन के मुताबिक यह कई हज़ार किलोमीटर तक सीधी और खड़ी मार कर सकती है.
उन्होंन कहा कि यह अपने लक्ष्य तक आग के गोले की तरह पहुंचती है. इसके सतह का तापमान 1600 से 2000 डिग्री सेल्सियस तक हो सकती है.
6. लेजर हथियार
इसका नाम भी अभी तक तय नहीं किया गया है. पुतिन ने कहा कि उनके देश ने “लेजर हथियारों” के निर्माण के लिए एक उल्लेखनीय क़दम भी उठाया है.
उन्होंने कहा, “यह सिर्फ काग़जों में नहीं है, न ही इसकी शुरुआत की गई है बल्कि हमने पिछले साल ही लेजर हथियार अपनी सेना को सौंप दी है.”
हालांकि उन्होंने न ही इसका कोई प्रमाण दिया और न ही नाम बताया है. उन्होंने कहा कि “यह बताने का सही समय” अभी नहीं है.
हालांकि उन्होंने माना है कि लेजर हथियार ने रूस की ताक़त को कई गुणा बढ़ा दिया है और इसकी पुख़्ता सुरक्षा के लिए काफ़ी है.
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