हमसे 1771 करोड़ चूस चूका है SBI, मिनिमम बैलेंस के नाम पे
भारतीय स्टेट बैंक ने मिनिमम बैलेंस न रखने वाले ग्राहकों से 1771 करोड़ रुपये चार्ज के तौर पर वसूले हैं. मिनिमम बैलेंस के तौर पर वसूला गया यह चार्ज एसबीआई की दूसरी तिमाही के नेट प्रोफिट से भी ज्यादा है. वित्त मंत्रालय ने अप्रैल से लेकर नवंबर 2017 तक के आंकड़ाें से ये पता चला है.
एसबीआई की तरफ से मिनिमम बैलेंस न बनाए रखने वालों से ये चार्ज वसूला गया है. इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक 1771 करोड़ रुपये की यह राशि एसबीआई के जुलाई-सितंबर तिमाही के नेट प्रोफिट से भी ज्यादा है. जुलाई-सितंबर में एसबीआई का नेट प्रोफिट 1,581.55 करोड़ रुपये था.
भारतीय स्टेट बैंक ने 2016-17 में किसी भी तरह का चार्ज मिनिमम बैलेंस न रखने वालों से नहीं वसूला था, लेकिन 5 साल के अंतराल के बाद बैंक ने इन चार्ज को फिर से लागू किया था.
एसबीआई मेट्रो और शहरी क्षेत्र में बचत खातों में मिनिमम बैलेंस न रख पाने की स्थिति में चार्जेस वसूलता है. पहले यह चार्ज 5000 रुपये था, जिसे इन क्षेत्रों के लिए घटाकर 3000 रुपये कर दिया गया है. हालांकि एसबीआई ने पेंशनभोगियों, पहला कदम पहली उड़ान खातों और 18 साल से कम उम्र के बच्चों को मिनिमम बैलेंस न रखने पर लगने वाले चार्ज से छूट दी है.
अगर आप भी मिनिमम बैलेंस न मेंटेंन कर पाने पर कोई चार्ज नहीं भरना चाहते, तो एसबीआई आपको अपना सेविंग्स अकाउंट कनवर्ट करने का आॅप्शन दे रहा है.
कनवर्ट कराने के लिए आपको एसबीआई की शाखा में जाना होगा और इसके लिए अकाउंट बदलने के लिए एप्लिकेशन देनी होगी. यहां बैंक में आप अपना सेविंग्स अकाउंट उन अकांउट्स में कनवर्ट कर सकते हैं, जिनमें आपको मिनिमम बैलेंस रखने की अनिवार्यता नहीं होती.
इन खातों में नहीं मिनिमम बैलेंस की अनिवार्यता
– बेसिक सेविंग्स डिपोजिट अकांउट :
– जनधन खाता
– स्मॉल सेविंग्स अकाउंट
– सैलरी अकाउंट
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