30 दिसंबर को शनिवार होने से इस दिन शनिदेव को प्रसन्न करने के उपाय किए जा सकते हैं।
इस बार 30 दिसंबर को शनि प्रदोष का योग बन रहा है। प्रदोष तिथि पर मुख्य रूप से भगवान शिव की पूजा का विधान है। ये तिथि विभिन्न वारों के साथ मिलकर अलग-अलग योग बनाती है। 30 दिसंबर को शनिवार होने से इस दिन शनिदेव को प्रसन्न करने के उपाय किए जा सकते हैं। ये उपाय करने से शनिदेव अपने भक्तों की समस्याएं दूर करते हैं और उनकी हर मनोकामना पूरी करते हैं।
क्यों मानते हैं शनि की नजर अशुभ?
हिंदू धर्म में शनिदेव की नजर को अशुभ माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि जिसे भी शनि देख ले उसके बुरे दिन शुरू हो जाते हैं। आखिर क्यों शनि की नजर अशुभ है। ब्रह्मवैवर्तपुराण में इसके पीछे एक कथा का वर्णन है, जो इस प्रकार है- सूर्य पुत्र शनि का विवाह चित्ररथ नामक गंधर्व की कन्या से हुआ था, जो स्वभाव से बहुत ही उग्र थी। एक बार जब शनिदेव भगवान की आराधना कर रहे थे, तब उनकी पत्नी ऋतु स्नान के बाद मिलन की कामना से उनके पास पहुंची, लेकिन शनिदेव भगवान भक्ति में इतने लीन थे कि उन्हें इस बात का पता ही नहीं चला। जब शनिदेव का ध्यान भंग हुआ। तब तक उनकी पत्नी का ऋतुकाल समाप्त हो चुका था। इससे क्रोधित होकर शनिदेव की पत्नी ने उन्हें श्राप दे दिया कि पत्नी होने पर भी आपने मुझे कभी प्रेम की दृष्टि से नहीं देखा। अब आप जिसे भी देखेंगे उसका कुछ न कुछ बुरा हो जायेगा। इसी कारण शनि की दृष्टि में दोष माना गया है।
शनि प्रदोष के उपाय जानने के लिए आगे देखें
तस्वीरों का इस्तेमाल प्रस्तुतिरण के लिए किया गया है।
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तेल शनिदेव को बहुत प्रिय है। शनि प्रदोष के योग में शनि प्रतिमा पर सरसों का तेल चढ़ाएं और दीपक भी लगाएं।
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शनिवार को एक काले कपड़े में काले उड़द, सवा किलो अनाज, कोयला व लोहे की कील लपेटकर नदी में बहा दें।
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शनि प्रदोष के योग में किसी शनि मंदिर में या एकांत स्थान पर राजा दशरथ द्वारा रचित शनि स्रोत का पथ करें।
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शनिवार की सुबह पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाएं और तिल के तेल का दीपक लगाएं। इस से भी शनिदोष में कमी आती है।
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शनिवार को कुष्ठ रोगीयो को भोजन करवाएं व उन्हें जूते-चप्पल, कम्बल, तेल, कला छाता आदि का दान भी करें।
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शनि प्रदोष के दिन किसी विद्वान से पूछकर नीलम अपनी रिंग फिंगर में पहने। इससे शनि का प्रभाव काम होता है।
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शनि प्रदोष के शुभ योग में अपने पूजा स्थान पर शनि यंत्र की स्थापना करें और रोज इसकी पूजा करें।
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शनिवार को शनिदेव का अभिषेक तिल के तेल से करें और शनिदेव के १०८ नामो का भी स्मरण करें।
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