महिलाओं का पैराशूट पहनकर आसमान से कूदना कोई नई बात नहीं है. लेकिन अगर कोई साड़ी पहनकर हजारों फिट ऊंचाई से छलांग लगाता है तो ये वाकई आश्चर्यजनक बात है. ये कारनामा किया है एक भारतीय महिला ने, जिसने स्काइडाइविंग का एक अनोखा रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया है. तो चलिए जानते है ये कारनामा आखिर किस महिला ने किया है.
महाराष्ट्र की मशहूर नऊसारी साड़ी’ पहनकर
महाराष्ट्र की स्काईडाइवर शीतल राणे ने करीब 13 हजार फीट की ऊंचाई से छलांग लगाकर एक नया रिकार्ड अपने नाम कर लिया है. पुणे की 35 साल की शीतल राणे महाजन ने साड़ी पहनकर पैराशूट की मदद से डाइव लगाई और सभी को हैरान कर दिया. उन्होंने थाइलैंड के पटाया में हजारों फुट की ऊंचाई से स्काइडाइविंग की. उन्होंने एक बार नहीं बल्कि दो बार छलांग लगाई. इसी क्रम में उन्होंने महाराष्ट्र की मशहूर 8.25 मीटर की ‘नऊसारी साड़ी’ पहनकर स्काइडाइव करने वाली दुनिया की पहली महिला बन गई हैं.
आठ मीटर की साड़ी पहनकर छलांग लगाना था मुश्किल
नऊसारी साड़ी महाराष्ट्र में आम महिलाएं पहनती हैं. इस साड़ी की खासियत ये है कि इसकी लंबाई 8 मीटर से ज्यादा होती है, जब्कि आम साड़ियों की लंबाई करीब 6 मीटर होती है. इसे खास तरह से लपेटा जाता है जो अपने आप में काफी जटिल है.
यही कारण है कि इस साड़ी के ऊपर पैराशूट पहनकर आसमान से कूदना शीतल के लिए काफी मुश्किल था. उन्होंने कहा कि वैसे तो ये साड़ी पहनना ही काफी जटिल है, फिर उसके बाद पैराशूट, सेफ्टी गियर, हेल्मेट, गॉगल, जूते, जैसी सभी चीजें पहनकर कूदना चुनौती भरा होता है.
उन्होंने कहा कि मैं ऐसा करके ये बताना चाहती थी कि भारतीय महिलाएं साड़ी में सिर्फ खूबसूरत ही नहीं दिख सकतीं, बल्कि इसे पहनकर बेहद मुश्किल काम भी कर सकती हैं.
बिना अनुभव के छलांग लगाकर हुई थी मशहूर
शीतल राणे के लिए स्काइडाइविंग करना एक जुनून है. राणे जुड़वां बेटों की मां हैं और उन्हें पद्म श्री से भी सम्मानित किया जा चुका है. शीतल के नाम 18 नेशनल रिकॉर्ड हैं. 14 साल के करियर में वह नेशनल और इंटरनेशलन लेवल पर 700 से ज्यादा डाइव लगा चुकी हैं. उन्होंने 2004 में नॉर्थ पोल में हेलीकॉप्टर से बिना प्रैक्टिस किए छलांग लगाई थी, जिसके बाद वो मशहूर हो गईं.
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