दुनिया के सबसे महान साइंटिस्ट स्टीफन हॉकिंग इस रहस्मय दुनिया को अलविदा कह चुके हैं। वे 76 साल के थे। हॉकिंग सबसे ज्यादा चर्चा में तब आए थे जब उन्होंने भगवान के अस्तित्व को ही नकार दिया था। हॉकिंग ने ब्लैकहोल और बिगबैंग थ्योरी को समझने में अहम योगदान दिया था। उनका मानना था ब्रम्हांड किसी अलौकिक शक्ति ने नहीं बनाया बल्कि ये खुद बना था।
ये दिया था तर्क…
हॉकिंग का मानना था कि ब्रह्मांड एक अनोखा और अद्भुत डिजाइन है, लेकिन इसका भगवान से कोई लेना देना नहीं है। वे कहते थे कि साइंस अब ‘The Theory of Everything’ के करीब आ रहा है। यानी हर चीज का तर्क आपको मिल जाएगा और जब ऐसा होता है तो हम भव्य डिजाइन को जान जाएंगे। ऐसे में जब स्टीफन हॉकिंग ने कहा था कि भगवान का अस्तित्व नहीं है और मैं ‘नास्तिक’ हूं, तो पूरी दुनिया में तहलका मच गया था।
हम बंदारों की उच्च नस्ल हैं
हॉकिंग ने 2014 में स्पैनिश भाषा के समाचार पत्र एल मुंडो के पत्रकार पाब्लो जरुगुई को दिए साक्षात्कार में ये बातें कही थीं। उन्होंने कहा, हम एक बहुत ही औसत तारे के एक छोटे ग्रह पर बसे बंदरों की उन्नत नस्ल हैं। मगर, हम ब्रह्मांड को समझ सकते हैं। यह बात हमें बहुत खास बना देती है।
धर्म और विज्ञान के बीच एक बुनियादी अंतर है। धर्म जहां आस्था और विश्वास पर टिका है, वहीं विज्ञान ऑब्जर्वेशन (अवलोकन) और रीजन (कारण) कारण पर चलता है। विज्ञान जीत जाएगा क्योंकि यह काम करता है।
हम खुद लिखते हैं भाग्य
हम सभी जो चाहें, उस पर विश्वास करने के लिए स्वतंत्र हैं। मेरा मानना है कि कोई भगवान नहीं है। किसी ने भी हमारे ब्रह्मांड नहीं बनाया है और कोई भी हमारे भाग्य को निर्देशन नहीं करता है ये हम स्वयं करते हैं।
ईसाई था परिवार
हॉकिंग का परिवार कहने को तो ईसाई था, लेकिन वास्तव में वे नास्तिक थे। सेंट अल्बंस स्कूल में एक स्कूल के लड़के के रूप में उन्होंने ईसाई धर्म के बारे में अपने सहपाठियों के साथ तर्क किया और कॉलेज के दिनों में भी वह एक प्रसिद्ध नास्तिक बन चुके थे।
इसी वजह से हुआ था तलाक
उनकी पहली पत्नी जेन ईसाई धर्म पर पक्का विश्वास करने वाली महिला थी, जिनसे उन्होंने 1965 में शादी की थी और 1995 में तलाक ले लिया था।
बच्चों ने दी मौत की जानकारी
उनकी मौत की जानकारी परिवार के हवाले से आई है। हाकिंग के तीनों बच्चों लूसी, रोबर्ट और टिम की ओर से जारी एक साझा बयान में कहा गया कि उनकी मौत से परिवार को गहरा धक्का लगा है। उन्होंने कहा कि उनके पिता एक महान वैज्ञानिक और असाधारण इंसान थे। उनकी ओर से किए गए काम को सालों तक याद किया जाएगा। बता दें कि हॉकिंग पर थियरी ऑफ एवरी थिंग्स के नाम से फिल्म भी बन चुकी है। इसमें मशहूर अभिनेता एडी रेडमैन ने उनकी भूमिका निभाई थी। हॉकिंग 1963 में ही मोटर न्यूरॉन डिसीज का शिकार हो गए थे।
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