ब्रिटिश साइंटिस्ट स्टीफन हॉकिंग का बुधवार को 76 साल की उम्र में निधन हो गया। उनकी फैमिली के स्पोक्सपर्सन ने खबर की पुष्टि की। हॉकिंग ने ब्लैक होल और रिलेटिविटी (सापेक्षता) के क्षेत्र में काफी काम किया। उनकी किताब ‘ए ब्रीफ हिस्ट्री ऑफ टाइम’ दुनियाभर में काफी चर्चित रही थी। उनके बच्चों ने बयान में कहा, “वो एक महान वैज्ञानिक थे। उनका काम और विरासत बरसों तक हमारे बीच रहेगा।” स्टीफन को 21 साल की उम्र में मोटर न्यूरॉन बीमारी हो गई थी। उन्होंने विकलांगता को अपनी कमजोरी नहीं बनने दिया और दुनिया को ब्लैक होल का रहस्य समझाया।
– 1974 में हॉकिंग ब्लैक होल्स की थ्योरी लेकर आए। इसे ही बाद में हॉकिंग रेडिएशन के नाम से जाना गया। हॉकिंग ने ही ब्लैक होल्स की लीक एनर्जी के बारे में बताया। – प्रोफेसर हॉकिंग पहली बार थ्योरी ऑफ कॉस्मोलॉजी लेकर आए। इसे यूनियन ऑफ रिलेटिविटी और क्वांटम मैकेनिक्स भी कहा जाता है। – 1988 में उनकी ए ब्रीफ हिस्ट्री ऑफ टाइम बुक पब्लिश हुई। इसकी एक करोड़ से ज्यादा कॉपियां बिकीं।
क्या है मोटर न्यूरॉन बीमारी?
– मोटर न्यूरॉन बीमारी में ब्रेन के न्यूरो सेल पर असर होता है। 1869 में केरकांट के न्यूरोलाजिस्ट जॉन मार्टिन इस बीमारी का पता लगाया था। बीमारी को एम.एन.डी. के नाम से भी जाना जाता है। – एम.एन.डी दो स्टेज में होती है। पहले चरण में यह न्यूरॉन सेल को खत्म करता है। दूसरी स्टेज में ब्रेन से शरीर के अन्य अंगों तक सूचना पहुंचना बंद हो जाता है। – इस बीमारी में मरीज को खाने, चलने, बोलने और सांस लेने करने में दिक्कत होती है। – बीमारी बढ़ने के साथ ही मांसपेशियां कमजोर और ढीली पड़ने लगती है। शरीर के हर अंगों में सेंसेशन होता है लेकिन प्रतिक्रिया नहीं होती।
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