किसी भी देश की सेना या मिलिट्री का काम आम नागिरकों की तुलना में काफी अलग और मुश्किल होता है। अपने जटिल और खतरों से भरे कामों को अंजाम देने के लिए मिलिट्री अपने लिए तमाम अविष्कार करने के अलावा कई ऐसे यंत्र और साजो सामान बनाती ही रहती है। पर आपको बता दें कि दुनिया भर में मिलिट्री द्वारा कई ऐसी मशीनें और प्रोडक्ट बनाए गए हैं, जो आजकल हम आप यानि पूरी दुनिया अपनी रोजमर्रा की लाइफ में मजे से यूज करती है। यानि कि सेना ने अपने इन खास 9 अविष्कारों से लोगों की लाइफ को आसान बना दिया है।
जीपीएस
स्मार्टफोन में यूज होने वाले GPS सिस्टम से आजकल हम आप गूगल पर कोई भी जगह आसानी से खोज सकते हैं। यहीं नहीं नए देश और नए शहर में जीपीएस ट्रैकर के द्वारा आसानी से बिना कहीं भी पहुंच सकते हैं। आपको बता दें कि जीपीएस का अविष्कार अमेरिकी सेना ने 1990 में आसपास कर लिया था। साल 1996 में GPS सर्विस आम लोगों को पहली बार उपलब्ध कराया गया।
कंप्यूटर
मोबाइल से लेकर कंप्यूटर से घिरे रहने वाले आप हमको यूएस मिलिट्री का शुक्रिया अदा करना चाहिए। सेकेंड वर्ल्ड वॉर के दौरान यूएस मिलिट्री ने 1943 में ENIAC नाम का एक कंप्यूटर बनाया। फिर काफी सालों के रिसर्च और डेवलपमेंट के बाद मिलिट्री का ये कंप्यूटर आम लोगों के यूज के लायक बन पाया।
माइक्रोवेव ओवन
आजकल घरों में तरह तरह के खाने फटाफट बनाने और मिनटों में खाना गर्म करने के लिए यूज होने वाला माइक्रोवेव ओवन भी अमेरिकी मिलिट्री की ही देन हैं। सेकेंड वर्ल्ड वॉर के दौरान अमेरिकी सेना के एक साइंटिस्ट ने इस बात पर गौर किया कि वॉर में युद्ध होने वाले रेडार, ट्रांसमीटर और माइक्रोवेव उपकरण इतनी गर्मी पैदा करते हैं, तो क्यों न इससे खाना बनाया जाए। इसइसका नतीजा हुआ कि 1950 से पहले माइक्रोवेव ओवन का अविष्कार किया गया।
कॉर्गो पैंट
ढेर सारी जेबों वाली जिस कॉर्गो पैंट को पहनकर लोग मजे से टूर और एडवेंचर करते हैं, उस पैंट का यूज पहली बार ब्रिटिश मिलिट्री ने 1930 के आसपास करना शुरु किया था। इस पैंट में सैनिक बड़े आराम से ढेर सारा सामान, हथगोले, गोलियां वगैरह ले जा सकते थे। इसके कुछ सालों बाद यूएस मिलिट्री ने भी इसका यूज शुरु कर दिया। कुछ ही सालों बाद ये कॉर्गो पैंट आम लोगों का फैशन बन गया।
जीप
शान की सवारी कही जाने वाली सबसे पुरानी SUV यानि जीप को राह चलते देखकर लोगों की नजरें एक बार तो जरूर रुकती हैं। यह जीप यूएस आर्मी द्वारा पहली बार यूज की गई थी। जंगलों और बीहड़ों में चलने वाली जीप बहुत ही दमदार वाहन मानी जाती थी। यही वजह है कि आज भी लोगों में जीप का क्रेज बरकरार है।
फर्टिलाइजर
सेकेंड वर्ल्ड वॉर से पहले जर्मनी के 2 वैज्ञानिकों फ्रिट्ज़ हबर और कार्ल बॉश ने वायुमंडल में रहने वाली नाइट्रोजन को आर्टीफिशियल नाइट्रेट्स में बदलने की तकनीक डेवलप की थी। इस तकनीक से TNT जैसे खतरनाक विस्फोटक बनाए जाने लगे। बाद में इस तकनीक का यूज करके फसलों को बचाने और बेहतर बनाने के लिए फर्टिलाइजर का अविष्कार किया गया। आज पूरी दुनिया में करोड़ों किसान इसी फर्टिलाइजर के दम पर अपनी फसलें उगाते हैं।
सेनेटरी नैपकिन
महिलाओं द्वारा यूज किए जाने वाले सेनेटरी नैपकिन का अविष्कार यूएस मिलिट्री द्वारा ही किया गया। साल 1914 में अमेरिकी कंपनी किंबली क्लार्क के मालिक को एक ऐसा मटीरियल मिला, जो कॉटन की तुलना में 5 गुना ज्यादा पानी सोख सकती थी। शुरुआत में इस मटीरियल का यूज मिलिट्री में सैनिकों के जख्मों पर बैंडेज करने के लिए किया गया। फिर सेना में नर्सें इस मैटीरियल का इस्तेमालन सेनेटरी नैपकिन के रूप में करने लगीं। धीरे धीरे किंबली क्लार्क कंपनी ने सेनेटरी नैपकिन का व्यवसायिक स्तर पर उत्पादन शुरु कर दिया।
डक्ट टेप
सामान से लेकर इंसान तक सभी को चिपकाने में सक्षम डक्ट टेप का पहली बार इस्तेमाल सेकेंड वर्ल्ड वॉर के दौरान सेनिकों द्वारा किया गया। कारतूस के डिब्बों को पानी से बचाने के लिए यूज होने वाला ये डक्ट टेप आज पूरी दुनिया घर घर में यूज करती है।
जरीकेन
घरों और ऑफिसों में तेल या पानी भरने के लिए इस्तेमाल होने वाले जरीकेन पहली बार सेना द्वारा ही यूज किए गए। 1930 के आसपास जर्मनी की सेना जरीकेन का यूज करती थी।
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