खगोलविदों ने सूर्य की तरह के एक ऐसे तारे की खोज की है जो धीरे-धीरे अपने ‘वंशजों’ को निगल रहा है। यह तारा अपनी ही कक्षा में उपस्थिक ग्रहों निगलकर उन्हें गैस और धूल की भारी घटाओं में बदल दे रहा है। आरजेड पीसियम नाम का यह तारा पृथ्वी से तकरीबन 550 प्रकाश वर्ष की दूरी पर मीन नक्षत्र में स्थित है। खगोलविद इसे ‘दुनिया का भक्षक’ कह कर पुकार रहे हैं।
हम जानते हैं कि यह ग्रहों के लिए असामान्य नहीं है
एस्ट्रोनॉमिकल जर्नल में प्रकाशित खोज हमारी सौर प्रणाली समेत कई सौर प्रणालियों की संक्षिप्त किंतु अस्थिर अवधि पर प्रकाश डाल सकता है। अमेरिका में इंडियाना यूनिवर्सिटी की कैथरीन पिलाचॉवस्की का कहना है कि, ‘हम जानते हैं कि यह ग्रहों के लिए असामान्य नहीं है कि वे युवा सौर प्रणाली की ओर बढ़ रहे हैं। गर्म बृहस्पति समेत हमे कई ऐसे ही सौर प्रणालियां मिली हैं। गर्म बृहस्पति गैसीय ग्रह है जो आकार में बृहस्पति के समान है, लेकिन परिक्रमा अपने तारों के बेहद करीब करता है।
ग्रह व्यवस्था के विकास का बेहद दिलचस्प चरण
कैथरीन ने कहा कि यह ग्रह व्यवस्था के विकास में बेहद दिलचस्प चरण है। हम सौभाग्यशाली हैं कि हमने प्रक्रिया के मध्य में इस सौर प्रणाली को पकड़ा है क्योंकि यह तारों के जीवनकाल की तुलना में बेहद तेजी से होता है। बर्बाद दुनिया अपने सूर्य के काफी नजदीक ज्वारीय बलों के कारण उड़ती रहती है। आधिकारिक तौर पर यह ‘बाधित ग्रह’ के रूप में जाने जाते हैं।
तारा गैसीय ग्रह को अपनी ओर खींच रहा है
कैथरीन ने बताया कि आरजेड पीसियम के मामले में सूरज की तरह के तारे के पास की सामग्री को धीरे-धीरे अलग हो रही है ताकि तारे से कुछ दूरी एक छोटा सा चक्र तैयार हो सके। जैसा कि सर्य की कक्षा में बुध की स्थिति है। हमारे अवलोकन के आधार पर, हम देखते हैं कि तारा गैसीय ग्रह को अपनी ओर खींच रहा है या शायद दो गैस समृद्ध ग्रह जो टकराकर अलग हो गए हों।
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