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Biohacking और Biohackers की अदभुत दुनिया

Biohacking और Biohackers की अदभुत दुनिया

दुनिया के 8 अदभुत क्षमताओं वाले बायोहैकर्स

गेब्रियल लिसिना

गेब्रियल एक बायो हैकिंग ग्रुप के मेंबर है इस ग्रुप का नाम है “Science for the masses”. गेब्रियल ने गहरे समुद्र में मिलने वाले एक पदार्थ क्लोरीन C E 6 के बारे में जानकरी प्राप्त की। इस पदार्थ में ऐसी विशेषता थी की इससे Degenerative Eye Disease से पीड़ित मरीजों में होने वाली बीमारी Night Blindness को ठीक किया जा सकता था। नाईट ब्लाइंडनेस के मरीजों में अँधेरे में कुछ भी देख पाने की क्षमता ख़तम हो जाती है। रिसर्च में ये पाया गया की C E 6 अँधेरे में देखने की क्षमता बढ़ता था। गेब्रियल ने स्पेशलिस्ट डॉक्टर्स की मदद से इस पदार्थ को अपनी आँखों में इंजेक्ट करा लिया। नतीजा ये हुआ की गेब्रियल की आँखों में नाईट विज़न कैमरे की सी शक्ति आ गयी। अब वह घुप्प अँधेरे में 50 मीटर तक की चीज़ों को बिना किसी परेशानी के देख सकते हैं।

नील हार्बिसन

नील दुनिया के पहले Cyborg हैं जिन्हे किसी देश की सरकार ने प्रमाणित किया है। इसके पीछे कारण है उनका ऐन्टेना जो अब उनकी खोपड़ी का हिस्सा है और उनके मस्तिष्क से जुड़ा हुआ है। यही नहीं उनके इस ऐन्टेना डिवाइस में Wi-fi भी लगा हुआ है जिससे वह सेटेलाइट द्वारा सन्देश भेज सकते हैं और प्राप्त भी कर सकते हैं। अभी दुनिया में सिर्फ पांच व्यक्ति ही नील को चित्रों,और वीडियोस के माध्यम से जानकारी भेज सकते हैं। नील असल में Color blind हैं उन्हें रंग दिखाई नहीं देते। उनकी खोपड़ी से जुड़ा ऐन्टेना Vibrations( कंपन ) और Sound Waves (ध्वनि तरंगों ) के माध्यम से उनके मस्तिष्क तक रंगों और चित्रों की जानकारी पहुंचाता है।


सिक्स्थ सेंस

एक Bio-hacking ग्रुप के सदस्यों ने अपनी उँगलियों की Nerve Endings में सुक्ष्म Magnet (चुम्बक ) ट्रंसप्लांट कराएं हैं। अब इस ग्रुप के सदस्य मानव आँखों के लिए अदृश्य इलेक्ट्रिकल फील्ड और चुम्बकीय फिल्ड दोनों को महसूस कर सकते हैं। ये Bio-hackers बिना तार को छुए ये पता लगा सकते हैं की इसमें बिजली इलेक्ट्रिसिटी प्रवाहित हो रही है की नहीं।

मानव ऊर्जा

इंडस्ट्रियल डिज़ाइन क्षेत्र की कुशल डिज़ाइनर नाओमी किज़नर ऐसी ज्वेलरी लाइन के कांसेप्ट पे काम कर रहीं है जो मानव शरीर में निहित काइनेटिक एनर्जी को इलेक्ट्रिकल एनर्जी में बदल सकती है। नाओमी द्वारा बनायीं गयीं ये ज्वेलरी लाइन विश्व के ऊर्जा संकट को हमेशा हमेशा के लिए दूर कर सकती है। इन आधुनिक डिज़ाइन वाले गहनों में शरीर के अंदर होने वाले रक्त प्रवाह और विद्युत तरंगो की ऊर्जा को विधुत ऊर्जा में परिवर्तित करने की क्षमता होगी , जो की Bio-hacker के पुरे जीवनकाल में उसके जीवित रहने तक उसका साथ दे सकती है।

टिम केनन

टिम केनन एक Trans-humanist हैं। टिम ने अपनी बांह की कलाई में सरकेडिया वन नामक कंप्यूटर चिप ट्रांसप्लांट कराई है। इस चिप के माध्यम से टिम एंड्राइड डिवाइस से कनेक्ट हो सकते हैं और अपने शरीर का बायोमेट्रिक डाटा जैसे शरीर का तापमान , रक्तचाप और अन्य शारीरक मैट्रिक्स को अपने सेल फ़ोन पे आसानी से देख सकते हैं। यही नहीं टिम अपने टेक्स्ट मेसेजेस भी चिप में लगी LED से अपनी कलाई पे देख सकते है। ये चिप वायरलेस तरीके से चार्ज भी हो जाती है।

केविन वॉरविक

केविन ब्रिटैन के एकेडेमिक लॉरेट है और अध्यन कर रहें हैं रोबोटिकस व मानव शरीर को टेक्नोलॉजी से जोड़ने की तकनीक पर। केविन १९९० से कंप्यूटर चिप्स और इलेक्ट्रोड्स मानव शरीर में ट्रांसप्लांट करने का काम कर रहें हैं और सफलता भी प्राप्त कर चुके हैं। उन्होंने अपने प्रोजेक्ट, प्रोजेक्ट साईबोर्ग के तहत इंटरनेट से मानव तंत्रिका तंत्र को जोड़ने का असाधारण कार्य करने की ठानी है जिससे वह इंसानी भावनाओं और विचारों को इंटरनेट के माध्यम से एक आदमी से दूसरे आदमी तक पहुँचाने का काम करेंगे। ये एक तरह की टेली पैथी की तरह की शक्ति होगी। अभी तक केविन ने शरीर में प्लांटेड चिप के माध्यम से सफलतापूर्वक रोबोटिक आर्म को संचालित करने का लक्ष्य प्राप्त कर लिया है जो एक बड़ी उपलब्धि है ।

लीज़ पैरिश

लीज़ ने बायो हैकिंग की सबसे उन्नत तकनीक जीन थेरेपी का उपयोग स्वयं पर किया है। उंनका उद्देश्य है एंटी एजिंग। जी हाँ आजीवन यौवन प्राप्त करने के लिए लीज़ ने दो तरह की जीन थेरेपी का उपयोग किया है पहला जिससे उन्होंने अपनी मांसपेशियों को सुगठित रखने वाले जीन पे ट्रीटमेंट कराया है और दूसरा जिससे उन्होंने टीलोमीयर नामक DNA के कवच की लम्बाई को बढ़वाया है। टीलोमीयर मानव DNA का कवच होता है और इसके सुदृण होने से उम्र बढ़ने के साथ होने वाली क्रोमोसोमल क्षति रुक सकती है। हालाँकि बायो हैकिंग और जीनथेरेपी में अभी और रिसर्च होनी बाकी है पर लीज़ ने शुरवात तो कर ही दी है।

डेव एस्प्रे

डेव एस्प्रे विश्व के जानें माने बायो हैकर हैं जिन्होंने 15 साल और 300000 $ की पूंजी बायोहैकिंग करनें में लगा दी है । अपने इस प्रयास में उन्होंने 100 पौंड वज़न कम किया है और अपने I.Q. को और तीक्ष्ण कर लिया है। डेव का सबसे प्रसिद्ध अविष्कार है बुलेट प्रूफ कॉफी। ये टॉक्सिन फ्री कॉफ़ी है जो की घाँस चरने वाले जानवर से निकले मक्खन और MCT आयल (medium chain triglycerides) से बनायीं जाती है। इस कॉफ़ी के सेवन से बॉडी की परफॉर्मेंस बढ़ जाती है। डेव का ये उत्पाद विश्व प्रसिद्ध है। इसके अलावा डेव एक वार्षिक बायो हैकिंग कांफ्रेंस भी संचालित करतें है जिसमे वे अपने नए अविष्कार और बायोलॉजिकल ऐज कम करने वाले उत्पादों के बारे में बतातें हैं।

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