आज पूरी दुनिया वर्ल्ड वॉटर डे मना रही है। जबकि दुनिया में एक बड़ा तबका पानी की कमी से जूझ रहे है। इसमें सबसे पहले नाम अफ्रीकी देशों का आता है। हालांकि, साइंस में इसके लिए कई रास्ते निकाल लिए गए हैं। उन्हीं में से एक है वर्का वॉटर टावर। इसके जरिए हवा से पानी बनाया जा रहा है। इस मशीन को इटली के इंडस्ट्रियल डिजाइनर अर्तुरो विटोरी ने तैयार किया है।
ऐसे काम करता है ये टावर…
अफ्रीका के लिए ये मशीन वरदान से काम साबित नहीं हो रही। अफ्रीकी देशों में करीब 1 अरब लोग पानी की कमी से जूझ रहे हैं।
30 फीट ऊंची और 13 मीटर चौड़ी ये मशीन किसी विशालकाय पेड़ के जैसी लगती है। इसे बांस से बनाया जाता है।
ये टावर बारिश के पानी, कोहरा और ओस को हार्वेस्ट करता है। ये हवा से नमी खींचकर नलियों के जरिए बेसिन में इकट्ठा करता है।
वर्का वॉटर का फंक्शन एकदम उसी तरह है जैसे नेट का इस्तेमाल करके हवा की नमी को कैप्चर किया जाता है और उसे इकट्ठा करते हैं।
खास बात ये है कि इसे जिन अफ्रीकी देशों में भी लगाया गया है, वहां इस टावर को बनाने और चलाने के लिए बकायदा लोगों को ट्रेनिंग दी गई है।
ये रोजाना हवा नमी खींचकर करीब 100 लीटर पानी करता है, जो इस्तेमाल के लिए पूरी तरह से साफ और सुरक्षित होता है।
हालांकि, अफ्रीकी देशों में जिस तरह पानी की कमी है, उस हिसाब से तो ये कमी को पूरा नहीं कर पा रही है, लेकिन भी बहुत हद तक मदद पहुंचा रही है।
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