निम्नलिखित स्थिति की कल्पना करें: यदि आपको पता चले कि आपके अस्तित्व का कारण अज्ञात शुक्राणु दाता पिता है—क्या आप उनसे मिलना चाहेंगे? क्या वह आपसे मिलना चाहेंगे? खैर, यह एक दाता पिता की कहानी है जो अपने 8—जी हाँ 8—दाता बच्चों से मिलने के अलावा और कुछ नहीं चाहते थे। उनका प्रेरित पुनर्मिलन अपने दिल को छू जाएगा!
शुक्राणु दान में नाम न छापने का मुद्दा बहुत लंबे समय से बहस का विषय रहा है। एक दाता के बच्चे के लिए, यह बात जानना कि उसका जैविक पिता कोई और है, अलग स्तर की उत्सुकता की भावना पैदा कर सकता है और दोनों पक्षों के लिए यह एक बहुत भावनात्मक अनुभव हो सकता है।
यदि कोई पिता गुमनाम रहने का निर्णय करता है या किसी बच्चे से संपर्क करने के बाद भी अकस्मात संवाद स्थापित करना बंद कर देता है तो यह एक बच्चे के लिए दर्दनाक अनुभव नहीं तो काफी दुःखद तो हो ही सकता है।
उदाहरण के लिए, सत्रह वर्षीय, कैटरीना क्लार्क (Katrina Clarke), ने अपने दाता पिता का पता लगाया और उनके साथ संपर्क साधा। उन्हें तुरंत ही एक सुखद उत्तर और अपने दाता पिता की तस्वीर प्राप्त हुई।
उन्होंने एसोसिएटेड प्रेस (Associated Press) को बताया, “मैंने उस तस्वीर को देखा, मेरी आँखों से आंसू बहने लगे थे क्योंकि यह अतुलनीय है—वह अंतरंगता, किसी और में अपना चेहरा देखने का एहसास।” आखिरकार उन्होंने वह संचार समाप्त कर दिया जिसने उन्हें दुखी कर दिया था। उन्होंने कहा, “कभी-कभी मैं अपने आप को दोष देना चाहती हूँ, यह सोचकर कि मैं उन्हें डरा दिया, सोचती हूँ कि मैंने क्या ग़लत किया, वास्तव में, मुझे लगता है कि शायद यह रिश्ता बहुत भावुक था।”
लिंडसे ग्रीनावॉल्ट (Lindsay Greenavault) ने स्वयं को अस्वीकृत महसूस किया कि जब उनके गुमनाम दाता पिता ने दाता केंद्र के माध्यम से उन तक पहुँचने के बाद, उनके साथ संपर्क में नहीं आने का फैसला किया था। उन्होंने एसोसिएटेड प्रेस से कहा, “मुझे नहीं लगता कि किसी भी बच्चे को, किसी भी इंसान को अनिश्चितकाल तक यह पता करने कि वह कौन हैं, के अधिकार से वंचित रखा जाना चाहिए।”
हालांकि, शुक्राणु दाता, 49 वर्षीय टॉड व्हाइटहर्स्ट (Todd Whitehurst), ने अपने दाता बच्चों द्वारा संपर्क किए जाने पर बहुत अलग प्रतिक्रिया व्यक्त की थी। पेशे से एक कंप्यूटर इंजीनियर, टॉड ने 1998 में कैलिफोर्निया (California) के शुक्राणु बैंक को दान किया था, जब वह स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय (Stanford University) में स्नातक स्तर पर पढ़ाई कर रहे थे। उन्होंने अखबार में एक विज्ञापन देखा जिसमें शुक्राणुओं को दान करने वाले पुरुषों को बुलाया गया था। उन्होंने इस केंद्र को 4 सालों तक 400 से भी ज्यादा बार दान दिया था।
उन्होंने सीबीएस न्यूज़ (CBS News) को बताया, “मुझे लगता है कि इस पर मेरी भावना यह थी कि शुक्राणु बैंक जाने वाले लोगों को सचमुच में बच्चों की चाहत होती है। उन्होंने आगे कहा, “आप उन लोगों की मदद क्यों नहीं करना चाहेंगे?”
उन्होंने एक पारिवारिक सभा की व्यवस्था भी करवाई जहाँ उन्होंने अपने 8 दाता बच्चों को आमंत्रित किया था—4 जिनसे वह पहले ही मिल चुके थे और 4 जिनसे वे अभी तक नहीं मिले थे। 8 सौतेले भाई-बहन उस दिन पहली बार एक-दूसरे से मिले थे। उन्होंने सीबीएस न्यूज़ को बताया, “यह बहुत बढ़िया है।”
20 वर्षीय सारा मैले (Sarah Malley), ने उनके साथ संपर्क किया था, जिन्हें पता चला था कि वह और उनकी जुड़वा बहन, जेना (Jenna) वास्तव में दाता बच्चियां थी जो अपने जैविक पिता से मिलना चाहती थी। उन्होंने सीबीएस से कहा, “मैं चिंतित थी कि यह हाथ मिलाकर केवल ‘हैलो, आपसे मिलकर बहुत अच्छा लगा’ जैसा होगा। हमने एक-दूसरे को गले लगाया और यह एक बहुत बड़ी बात थी।”
केरी फेल्प्स (Carey Phelps), जो व्हाइटहर्स्ट के दाता बच्चों में से एक है, डोनर सिबलिंग रजिस्ट्री, के माध्यम से उनके साथ संपर्क कर पाई थी, जो कि वेन्डी क्रेमर (Wendy Kramer) द्वारा स्थापित एक नेटवर्किंग साइट है जो अपने दाता पिता के साथ बच्चों को मिलाने का काम करती है।
क्रेमर ने सीबीएस से कहा, “यह एक सहज मानवीय इच्छा है जब हम जानना चाहते हैं कि हम कहाँ से आए हैं।” केरी और व्हाइटहर्स्टआपस में इतने गहन रूप से घुल-मिल गए थे कि वे छुट्टियाँ भी एक साथ मनाते हैं। वास्तव में, व्हाइटहर्स्ट मानते हैं कि उन्हें इन बच्चों की ओर ज़िम्मेदारी महसूस होती है।
उन्होंने कहा, “यह एक चाचा के रूप में जिम्मेदारी की तरह लगता है। मुझे लगता है मैं उनका पिता नहीं हूँ, है ना? उनके माता-पिता मुख्य रूप से उनके लिए ज़िम्मेदार हैं। लेकिन यदि उनके माता-पिता उनकी मदद करने में असमर्थ हैं तो मैं आगे बढूँगा और जो भी कर सकता हूँ, वह करूँगा।”
“आप उनके लिए प्यार महसूस करते हैं। आप उनकी रक्षा करना चाहते हैं। आप चाहते हैं कि उन्हें एक सुखी जीवन मिले। वे सब सचमुच काफी उत्कृष्ट बच्चे बन गए हैं।”
कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि गुमनामी को एक विकल्प के रूप में अनुमति दी जानी चाहिए। एनवाईयू ( NYU) प्रजनन केंद्र के जेमी ग्रिफियो (Jamie Griffio) ने कहा: “वास्तविकता में, बच्चे कभी भी इस विकल्प में शामिल नहीं होता कि वे पैदा होने वाले हैं या नहीं, उनके माता-पिता कौन हैं और उनके परिवार का विन्यास क्या है, आप इस अधिकार के साथ जन्म नहीं लेते हैं।”
उनका मानना है कि यदि नाम न बताए जाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया तो शुक्राणु दानकर्ता दान करने के लिए तैयार नहीं होंगे और बच्चों की इच्छा रखने वाले परिवार भी इससे प्रभावित होंगे।
संयुक्त राज्य अमेरिका में, शुक्राणु दाताओं को एक विकल्प दिया जाता है: वे गुमनाम रह सकते हैं या उनकी पहचान के विवरण को वह अपने दाता बच्चे को प्रकट कर सकते हैं। हालाँकि ऑस्ट्रेलिया (Australia), फिनलैंड ( Finland), नॉर्वे (Norway), ऑस्ट्रिया (Austria) और स्विट्ज़रलैंड (Switzerland) जैसे देशों में, बिना अपनी पहचान बताए शुक्राणु दान पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
तो इस बहस पर आपकी राय क्या है? क्या आपको लगता है कि शुक्राणु दाता के बच्चों को अपने जैविक पिता के बारे में जानने का अधिकार होना चाहिए या क्या आपको लगता है कि जो लोग गुमनाम रहने का विकल्प चुनते हैं उन्हें ऐसा करने की अनुमति दी जानी चाहिए?
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