सन् 1985 में लॉंच हुई मारुती जिप्सी भारतीय सेना में बहुत ज्यादा इस्तेमाल होती है. सेना के लिए किसी भी वाहन का मजबूत होना, स्वाभाविक तौर पर एक जरूरी चीज़ होती है
लेकिन जिप्सी के बाद काफी SUVs आ चुकी हैं, फिर भी भारतीय सेना जिप्सी को ही क्यों चुनती है – यह प्रश्न अनेक आर्मी फैन्स और कार एंथुसिऍस्ट्स (enthusiast) पूंछतें रहते हैं.
यही सवाल Quora पर भी पूछा गया था और वहा दिया गया यह एक उत्तर हर भारतीय को गौरान्वित महसूस कराएगा.
उत्तर इस प्रकार है :
1) ऑफ रोड परफॉर्मन्स (सुचारू रास्ता न होने वाले क्षेत्रों में चलने की क्षमता) – मुख्यतः यही वजह है कि जिप्सी को भारतीय सेना में खासा लोकप्रिय बनाती है.
ऑटोकार इंडिया की रीपोर्ट के अनुसार :
दुर्गम रास्तो पर जिस तरह से जिप्सी चल पाती है – सिवाय अर्जुन टैंक के और कोई वाहन नही चल सकता! लोडेड जिप्सी तो उससे भी ज्यादा आरामदेय होती है.
२) वजन में हलकी होने के कारण जिप्सी कही भी सहजता से पहुंचाई जा सकती है –चाहे वो जहाज से भेजना हो, हेलिकॉप्टर से लटकाकर नीचे छोड़ना या फिर IL-76 तथा C-17 Globemaster सरीखे युद्धविमानों का उपयोग कर दुश्मन के अधिक्षेत्र में उतारना.
इसीलिए जहां चाहे वहा जल्द से जल्द पहुचने के लिए जिप्सी एक उपयुक्त वाहन है.
3) शक्तिशाली इंजिन – जिप्सी का इंजिन 1298 सीसी का है, जो 80 बीएचपी की पावर जनरेट करता है – महिंद्रा बोलेरो (जो एक जाना माना नाम है ) का इंजिन 75 बीएचपी पर इतना ही पॉवर देता है.
कम वजन और भरपूर पावर – इसकी वजह से जिप्सी 130+ तक की स्पीड पकड़ सकती है.
और आखिर में,-भारतीय सेना को मिशन पूरा करने के लिए आवश्यकता होती है – एक मजबूत, फूर्तिला, टिकाऊ, भारी वजन (सैनिक + शस्त्र!) ले जानेवाला वाहन.
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