चाँद पर पहला कदम रखने वाले पहले इन्सान के रूप में नील आर्मस्ट्रांग का नाम हमारे दीमक में सबसे पहले आता है. नील आर्मस्ट्रांग के विनम्रता के किस्से पुरे देश भर में सुनाये जाते है. उनमे इतनी अच्छाई थी की वो इतनी बड़ी हस्ती होने के बाजजूद अपने से छोटे और अनुभवी व्यक्ति का भी सम्मान करते थे. कुछ गलत करने पर भी माफ़ी मागने से कभी पीछे नहीं हटते थे. नील आर्मस्ट्रांग और इंदिरा गाँधी इन दोनों के बीच कुछ ऐसा ही एक किस्सा हुआ था जब नील आर्मस्ट्रांग ने किसी भी तरह की शर्म न करते हुए इंदिरा गाँधी जी से माफ़ी मांगी थी. असल में अपनी कोई भी गलती न होने के बावजूद इंदिरा गाँधी जी को अपने कारण होने वाली तकलीफ देख उनसे रहा नहीं गया.
पूर्व विदेश मंत्री नटवर सिंह ने एक बार यह कहानी दुनिया के सामने लायी थी वो ऐसे –
आर्मस्ट्रांग’ और ‘एडविन’ इनका चंद्रमामिशन इंदिरा गाँधी जी ने सुबह के ४. ३० बजे तक जाग करके देखा था. इस मिशन के बाद आर्मस्ट्रांग और एडविन इन्होंने दुनिया का दौरा किया था. कुछ साल बाद जब वे भारत आये तब उन्होंने संसद में स्थित प्रधानमंत्री कार्यालय जाकर इंदिरा गाँधी जी से मुलाक़ात की. उस समय नटवर सिंह ने ही एडविन और आर्मस्ट्रांग को प्रधानमंत्री से मिलने बुलाया था. अमरीका के राजदूत भी वहा उपस्थित थे. इस ऐतिहासिक पल को उस वक्त कैमरे में कैद किया गया और वे चले गए. वहा पूरी तरह से चुप्पी छायी हुई थी किसी के पास कुछ भी बोलने के लिए शब्द नहीं थे. इसलिए इंदिरा गाँधी जी ने नटवर सिंह को इशारा किया तभी नटवर जी ने आर्मस्ट्रांग से कहा की
“इंदिरा गाँधी जी को इस अभियान में इतनी रूचि थी की चाँद पर पड़ने वाला आपका पहला कदम वह किसी भी हाल में देखने से नहीं चूकना चाहती थी जिस कारण वह सुबह होने तक जगी रही.”
इसपर आर्मस्ट्रांग जल्द से अपनी जगह से उठकर इंदिरा गाँधी जी से कहने लगे
“आपको होने वाली तकलीफ के लिए मैं माफ़ी चाहता हूँ ,अगली बार से थोड़ा जल्दी चाँद पर पहुंच जाऊंगा.”
आर्मस्ट्रांग की यह विनम्रता देख इंदिरा गाँधी जी चकित हो गयी . अपनी कोई भी गलती न होने के बावजूद इतने बड़े शख्स ने माफ़ी मांगी यह देख वह हैरान हो गयी.
इंदिरा गाँधी जी ने खुद आगे आकर नील आर्मस्ट्रांग के इस व्यव्हार की प्रशंसा की जिसे पूरे विश्व में सराहना मिली.
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