60 और 70 के दशक में बॉलीवुड की इस हीरोइन ने जो शोहरत हासिल की, वो सबके हिस्से नहीं आती। पुरानी फिल्मों के शौक़ीन लोग इस चेहरे को नहीं भूले होंगे। मासूम सा मुस्कुराता हुआ ये चेहरा बेहद ही कम समय में बॉलीवुड का नामचीन चेहरा बन गया। ये बात दीगर है कि अधिकतर फिल्मों में ये साइड रोल में रही। बावजूद इसके उनके चाहने वालों की कोई कमी नहीं रही।
हम यहां बात करे रहे हैं नजीमा की, जो ज्यादातर फिल्मों में हीरो या हीरोइन की बहन के किरदार में नजर आती थीं। इसी कारण उन्हें ‘बॉलीवुड की बहन’ भी कहे जाना लगा। नजीमा भले ही सपोर्टिंग किरदार में नजर आती हो, लेकिन उन्होंने अपनी अदाकारी और सुंदरता का लोहा मनवाया।
नजीमा का जन्म 1948 में हुआ था और उनके बचपन से ही फिल्मों का शौक था। उन्होंने बाल कलाकार के तौर पर अपनी फ़िल्मी पारी शुरू की। हालांकि, फिल्म ‘उमर क़ैद’ से उन्होंने वयस्क भूमिका करनी शुरू की। तब वे महज 14 साल की थीं।
नजीमा पर ही सबसे ज्यादा रेप सीन फिल्माए गए। दरअसल, उन दिनों इस तरह की कहानियों का चलन था, जिसमें हीरो की बहन होती थी और उसके साथ फिल्म का विलेन दुष्कर्म करता था।
नजीमा की सुंदरता और मासूमियत के आगे फिल्मों की मुख्य अभिनेत्रियों के पसीने छूटते थे। लेकिन दुर्भाग्यवश, 1975 में कैंसर के कारण 27 वर्ष की उम्र में उनका निधन हो गया। भारतीय सिनेमा में अपने छोटे लेकिन सफल करियर में उन्होंने 30 से अधिक फिल्मों में काम किया।
ज्ञात हो कि अपनी आखिरी फिल्म, जो उनकी मृत्यु से पहले रिलीज हुई थी ‘दयार-ए-मदीना’ में वे मुख्य अभिनेत्री की भूमिका में थी। उनकी फिल्म ‘लव एंड गॉड’ और ‘रंग खुश’ उनकी मृत्यु के बाद रिलीज हुई।
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