यदि आप मल्टीप्लेक्स में मूवी देखने जाते हैं तो आपको पीने का पानी साथ ले जाने से रोका नहीं जा सकता। यदि पीने का पानी अंदर ले जाने पर पाबंदी लगाई जाती है तो संचालक को सिनेमा हॉल में पीने के पानी का इंतजाम करना जरूरी है। सिनेमा हॉल मालिक किसी भी व्यक्ति को कैफेटेरिया से बेहद महंगी पानी की बोतल खरीदने के लिए मजबूर नहीं कर सकते।
नेशनल कंज्यूमर फोरम एक ऐसे मामले में सितंबर 2015 में फैसला दे चुका है। तब फोरम ने एक व्यक्ति को पानी की बोतल अंदर नहीं ले जाने देने पर 11 हजार रुपए जुर्माना देने का आदेश दिया था। बेंच ने फैसला सुनाते हुए कहा था कि ‘सिनेमा हॉल ड्रिंकिंग वॉटर बाहर से ले जाने पर रोकते हैं और अंदर ड्रिंकिंग वॉटर मुहैया नहीं करवाते तो यह उपभोक्ता को दी जाने वाली सर्विस का उल्लंघन होगा’। दर्शक आरामदायक और संतोषजनक माहौल में मूवी देखने के लिए पैसा चुकाता है। यदि ऐसा नहीं होता तो दर्शक को हर्जाना लेने का अधिकार होता है।
नहीं दे तो यहां कर सकते हैं शिकायत
एक कंज्यूमर के तौर पर आपको ऐसा लगता है कि आपके अधिकारों का हनन हो रहा है तो आप कंज्यूमर फोरम में शिकायत दर्ज करवा सकते हैं। 20 लाख क्लैम तक के मामले जिला कंज्यूमर फोरम में देखे जाते हैं। कंज्यूमर फोरम इंदौर के ऑफिस सुपरिंटेंडेंट आरबी सोनी ने बताया कि 1 से 5 लाख रुपए तक के मामले में सिर्फ 100 फीस शिकायतकर्ता को देना होती है। वहीं 20 लाख रुपए तक के मामले में अधिकतम 500 रुपए फीस ली जाती है। शिकायत सादे कागज पर की जा सकती है। यदि 20 लाख रुपए से भी ज्यादा का मामला है तो कंज्यूमर स्टेट कंज्यूमर फोरम में शिकायत कर सकते हैं। कंज्यूमर फोरम कई ऐसे फैसले दे चुका है, जिनसे आम लोगों को बड़ी राहत मिली है।
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